Move to Jagran APP

मन की बात से कई आर्थिक योजनाओं को मिला प्रोत्साहन, एसबीआई की जारी की विशेष रिपोर्ट

3 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर मन की बात की शुरुआत की जो अब अपने 10वें साल में है। इस मौके पर एसबीआई ने एक विशेष रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक पीएम इस कार्यक्रम में जो कुछ भी कहते हैं उसकी बिक्री बढ़ जाती है या फिर गूगल में सर्च की संख्या बढ़ जाती है।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 04 Oct 2023 10:14 PM (IST)
Hero Image
मन की बात अब अपने 10वें साल में है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, राजीव: तीन अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो के माध्यम से मन की बात की शुरुआत की थी। मन की बात अब अपने 10वें साल में है।

इस मौके पर एसबीआई की तरफ से विशेष रिपोर्ट जारी की गई, जिसके मुताबिक प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम से स्वच्छता अभियान, बेटी के साथ सेल्फी, हर घर तिरंगा जैसे सिर्फ सामाजिक अभियान को ही प्रोत्साहन नहीं मिला है, बल्कि पीएम मुद्रा, स्वनिधि, सुकन्या समृद्धि, जन-धन खाते जैसे आर्थिक बदलाव से जुड़े कार्यक्रमों को भी बढ़ावा मिला।

पीएम के जिक्र के बाद बढ़ जाती है बिक्री

मन की बात में प्रधानमंत्री ने जब खादी का जिक्र किया तो खादी की बिक्री बढ़ गई। घरेलू पर्यटन को लेकर बात की तो पर्यटन बढ़ने लगा।

एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी जिस किसी योजना या स्कीम का जिक्र मन की बात में करते हैं, उस योजना या स्कीम का गूगल सर्च बढ़ जाता है और वह सोशल मीडिया पर तेजी से फैलता है। मन की बात में प्रधानमंत्री ने खादी को वर्णित किया। नतीजा यह हुआ कि खादी की बिक्री वित्त वर्ष 2016-17 में 1520.83 करोड़ रुपए की थी जिसकी बिक्री वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 2558.31 करोड़ रुपए की हो गई।

सुकन्या योजना में लोगों का आकर्षण बढ़ा

खादी की मांग बढ़ने से खादी का उत्पादन भी बढ़ा और इससे बड़ी संख्या में रोजगार मिला। वैसे ही सुकन्या समृद्धि योजना का मन की बात में जिक्र आने के बाद इस स्कीम के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा।

एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 3.6 करोड़ खाते सुकन्या समृद्धि के तहत खोले जा चुके हैं जिसमें दो लाख करोड़ रुपए जमा है। रेहड़ी-पटरी वालों के लोन से जुड़ी पीएम स्वनिधि योजना का प्रधानमंत्री ने वर्ष 2020 के फरवरी महीने में मन की बात के 62वें एपिसोड में जिक्र किया।

इससे रेहड़ी-पटरी वालों के बीच स्वनिधि योजना प्रचलित हो गई और अब तक 65.5 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को इस स्कीम के तहत लोन आवंटित किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने तीन साल पहले मन की बात में भारत के विभिन्न स्थानों पर स्थित लाइटहाउस का जिक्र किया था।

गूगल पर बढ़ा सर्च

रिपोर्ट के मुताबिक इस जिक्र के बाद गूगल में लाइटहाउस से जुड़े सर्च की संख्या डेढ़ गुना बढ़ गई जिसका फायदा पर्यटन को मिलेगा और राज्य सरकार अपने-अपने राज्यों में स्थित लाइटहाउस को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक मुद्रा लोन के बारे में प्रधानमंत्री ने वर्ष 2015 में मन की बात की थी और उसके बाद से मुद्रा लोन को लेकर भी गूगल सर्च में बढ़ोतरी हुई, लेकिन कोरोना के दौरान मुद्रा लोन गूगल सर्च में सबसे अधिक प्रचलित हुआ।