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विकास दर के अनुमान को बढ़ा सकता है आरबीआई, महंगाई के अनुमान में हो सकती है कमी : SBI

अप्रैल-मई के विभिन्न आर्थिक सूचकांक को देखते हुए एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) की विकास दर 7.3-8.1 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। गत अप्रैल महीने में आरबीआइ ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर 6.5 फीसद रहने का अनुमान लगाया था।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Mon, 05 Jun 2023 10:43 PM (IST)
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महंगाई के अनुमान में हो सकती है कमी पहली तिमाही में विकास दर 7.3-8.1 फीसद रहने का अनुमान
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एसबीआइ का मानना है कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद आगामी आठ जून को आरबीआइ चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विकास दर के अनुमान को बढ़ा सकता है और महंगाई के अनुमान को कम कर सकता है।

विकास दर में और बढ़ोतरी का अनुमान

अप्रैल-मई के विभिन्न आर्थिक सूचकांक को देखते हुए एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) की विकास दर 7.3-8.1 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। गत अप्रैल महीने में आरबीआइ ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर 6.5 फीसद रहने का अनुमान लगाया था। लेकिन एसबीआइ का मानना है कि विभिन्न आर्थिक मोर्चे पर मजबूती को देखते हुए आरबीआइ आठ जून को 6.5 फीसद की विकास दर में और बढ़ोतरी का अनुमान जाहिर कर सकता है तो चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई की 5.2 फीसद की दर को कम कर सकता है।

क्या मानना है आर्थिक विशेषज्ञों का?

एसबीआइ का मानान है कि आगामी अक्टूबर तक खुदरा महंगाई दर पांच फीसद से नीचे रह सकती है। अप्रैल की खुदरा महंगाई दर 4.77 फीसद थी। आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 23-24 के पहले दो महीनों में मैन्यूफैक्चरिंग व सर्विस दोनों ही सेक्टर में जबरदस्त मजबूती दिखी है, इसलिए विकास दर के अनुमान में बढ़ोतरी संभव है।

क्या कहता है मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स?

एसएंडपी के सर्वे के मुताबिक मई में देश का मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) 31 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। सोमवार को मई का सर्विस पीएमआई जारी किया गया, जो पिछले 13 सालों में दूसरा सबसे अधिक है। इस साल अप्रैल में सर्विस पीएमआई 62 अंक के साथ 13 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। मई में यह 61.2 अंक रहा।

आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक मैन्यूफैक्चरिंग व सर्विस के साथ खरीफ की फसल भी बेहतर रहने की उम्मीद है। वैसे मानसून सामान्य रहने का अनुमान लगाया गया है, लेकिन अल-नीनो की वजह से बारिश प्रभावित भी होती है तो जलाशय में पानी के पर्याप्त स्टोर होने से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो जाएगा।

एसबीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक देश में निजी व घरेलू बचत में भी बढ़ोतरी हो रही है। ग्रामीण इलाके की मांग में मिलाजुला असर दिख रहा है तो शहरी मांग में बढ़ोतरी हो रही है।