Farmer Income Double: सोयाबीन और कपास किसानों की आय हुई दोगुनी, एसबीआइ की कृषि क्षेत्र पर स्पेशल रिपोर्ट
एसबीआइ ने देश में कृषि की स्थिति पर एक विशेष रिपोर्ट तैयार की है जिसमें कहा गया है कि देश के कुछ राज्यों में कुछ खास फसल उपजाने वाले किसानों की आय निश्चित तौर पर पिछले चार वर्षों में दोगुनी हुई है।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 17 Jul 2022 06:37 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वर्ष 2022-23 तक किसानों की आय दोगुनी करने के दावे की पहली बार किसी प्रमुख एजेंसी ने पड़ताल की है। एसबीआइ ने देश में कृषि की स्थिति पर एक विशेष रिपोर्ट तैयार की है जिसमें कहा गया है कि देश के कुछ राज्यों में कुछ खास फसल उपजाने वाले किसानों की आय निश्चित तौर पर पिछले चार वर्षों में दोगुनी हुई है। खासतौर पर जो किसान नगदी फसल की खेती में हैं उनकी आय अपेक्षाकृत तरीके से गैर नकदी अनाज उपजाने वाले किसानों से अच्छी रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के सोयाबीन और कर्नाटक के कपास किसानों की आय दो गुनी हो गई है। हालांकि इस दौरान राजस्थान के गेहूं और कर्नाटक में धान उपजाने वाले किसानों की आय में सिर्फ 1.3 गुना वृद्धि हुई है। शनिवार को जारी एसबीआइ की इस रिपोर्ट में चार राज्यों (कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र) के गेहूं, धान, सोयाबीन, कपास, नारियल और गन्ना उपजाने वाले किसानों की स्थिति को शामिल किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले वर्ष 2022-23 के दौरान महाराष्ट्र के सोयाबीन किसानों की औसत आय 1.89 लाख रुपये से बढ़ कर 3.8 लाख रुपये ( दो गुनी) और कर्नाटक के कपास किसानों की औसत आय 2.6 लाख रुपये से बढ़ कर 5.63 लाख रुपये (2.1 गुना) हो गई है। सर्वे में शामिल दूसरे राज्यों के किसानों की आय 1.3 गुना से 1.7 गुना बढ़ी है। सबसे ज्यादा किसान गेहूं व धान की खेती करते हैं और इनकी आय चार वर्षों में सिर्फ 1.3 गुना बढ़ी है। महाराष्ट्र के गन्ना किसानों की आय इस दौरान 2.79 लाख रुपये से बढ़ कर 3.89 लाख रुपये (1.4 गुना ज्यादा), नारियल किसानों की औसत आय 3.11 लाख रुपये से 4.74 लाख रुपये (1.5 गुना ज्यादा) हो गई है।
रिपोर्ट में उक्त चार राज्यों मे गैर कृषि आय के बारे में कहा गया है कि उपरोक्त अवधि में महाराष्ट्र के किसानों आय में गिरावट हुई है जबकि राजस्थान के किसानों की गैर कृषि आय 1.8 गुना, गुजरात में 1.5 गुना और कर्नाटक में 1.4 गुना बढ़ी है। एसबीआइ ने कहा है कि उसने अपने सर्वे में बड़े किसानों के साथ ही छोटे व सीमांत किसानों को भी शामिल किया है। बैंक ने यह भी कहा है कि अभी किसानों की आय की गणना करने का कोई ठोस मॉडल देश में उपलब्ध नहीं है, इसलिए उसने बैंक के किसान ग्राहकों की मिली जानकारी के आधार पर एक अध्ययन करने की कोशिश की है।