Sahara India प्रमुख Subrata Roy के निधन के बाद क्या निवेशकों को वापस मिलेंगे पैसे, SEBI चीफ Madhabi Puri Buch ने दिया जवाब
सहारा इंडिया के चीफ Subrata Roy का 14 नवंबर 2023 को निधन हो गया है। उनके निधन के बाद सहारा इंडिया के निवेशकों के मन में सवाल आने लगा कि क्या उनकी द्वारा निवेश की गई राशि उन्हें वापस मिलेगी या नहीं। आज इसको लेकर भारतीय विनियम प्रतिभूति बोर्ड यानी सेबी की चीफ पर्सन Madhabi Puri Buch ने अपना बयान दिया है।
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Thu, 16 Nov 2023 03:02 PM (IST)
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सहारा इंडिया के चीफ की मृत्यु के बाद सहारा निवेशकों के मन में उनकी जमा-पूंजी को लेकर कई प्रकार के सवाल आने लगे। इन सवालों में से मुख्य सवाल था कि क्या उनके द्वारा निवेश किये गए राशि उनको वापस मिलेगी या नहीं। आपको बता दें कि वर्ष 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा इंडिया को लेकर फैसला सुनाया था कि वह निवेशकों को उनकी राशि ब्याज के साथ वापस करें।
14 नवंबर 2023 को सहारा इंडिया के चीफ Subrata Roy का निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने अपनी आखिरी सांस मुंबई में ली। उनके निधन के बाद निवेशकों के मन में अपनी राशि को लेकर सवाल आने लगे। दरअसल, इस साल जुलाई में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया था। इस पोर्टल पर आवेदन देने के बाद निवेशकों को 45 दिन के भीतर उनके अकाउंट में राशि वापस मिल जाती है।
यह भी पढ़ें- Jeevan Pramaan Patra जमा करने के लिए बचे हैं बस 15 दिन, घर बैठे पोस्ट के जरिए ऐसे करें सबमिटआपको बता दें कि सहारा निवेशकों द्वारा निवेश की गई राशि सेबी के पास है। ऐसे में आज सेबी की चीफ पर्सन Madhabi Puri Buch ने एक बयान में कहा कि सहारा रिफंड की प्रक्रिया जारी रहेगी। Subrata Roy की मृत्यु का असर इस प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा।
#WATCH | Mumbai: When asked about the issue of reclaiming undistributed funds of Sahara to investors, SEBI Chairperson Madhabi Puri Buch says, "There is a committee under the Supreme Court, and we take all the actions under that committee only. Multiple rounds of advertisements… pic.twitter.com/wvWlH8WGFR
— ANI (@ANI) November 16, 2023
सुप्रीम कोर्ट के अधीन एक समिति है और हम सभी कार्रवाई उस समिति के तहत ही करते हैं। कई निवेशकों को उनके पैसे वापस मिल गए हैं। जिन भी निवेशकों के पास (सहारा में) निवेश के सबूत थे, उन्हें उनके पैसे मिल गया।