Stock Manipulation मामले में इन 9 संस्थानों पर जारी रहेगा बैन, सेबी ने प्रतिबंध हटाने से किया इनकार
सेबी ने यूट्यूब चैनल पर गलत और भ्रामक वीडियो अपलोड करके शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट के शेयर मूल्य में हेरफेर करने के आरोप में नौ कंपनियों पर प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया है। मार्च में सेबी ने प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर प्रतिभूति बाजार में कुल 24 कंपनियों को बैन किया था जिसमें से 9 संस्थाओं पर बैन बरकरार रखा गया है। पढ़िए पूरी खबर
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 12 Jul 2023 05:01 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: सेबी ने यूट्यूब चैनलों पर झूठे और भ्रामक वीडियो अपलोड करके शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट लिमिटेड (Sharpline Broadcast Ltd) के शेयर की कीमतों में हेरफेर करने के मामले में नौ संस्थाओं पर लगाए गए प्रतिभूति बाजार प्रतिबंध को हटाने से मना कर दिया है।
आपको बता दें कि सेबी ने मार्च में एक अंतरिम आदेश जारी किया था जिसके माध्यम से प्रथम दृष्टया निष्कर्षों के आधार पर कुल 24 संस्थाओं को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था और अब इनमें से सिर्फ नौ के खिलाफ प्रतिबंध की पुष्टि की है।
किन संस्थाएं को किया गया बैन?
सेबी ने जिन नौ संस्थाओं पर बैन लगाया है उनमें जतिन मनुभाई शाह, अंगद एम राठौड़, हेली जतिन शाह, दैविक जतिन शाह, अशोक कुमार अग्रवाल, अंशू अग्रवाल, अंशुल अग्रवाल, हेमंत दुसाद और अंशुल अग्रवाल कंपनी एचयूएफ का नाम शामिल है। हालांकि सेबी ने इनमें से चार संस्थाओं को कुछ रियायत दी है।
क्या है पूरा मामला?
सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में, पाया कि मई 2022 की दूसरी छमाही के दौरान, शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट के बारे में झूठे और भ्रामक यूट्यूब वीडियो दो यूट्यूब चैनलों - मिडकैप कॉल्स (Midcap Calls) और प्रॉफिट यात्रा (Profit Yatra) पर अपलोड किए गए थे।सेबी ने कहा कि इन वीडियो में निवेशकों को असाधारण मुनाफे के लिए नई दिल्ली स्थित शार्पलाइन के स्टॉक खरीदने की सलाह देने वाली झूठी और भ्रामक खबरें फैलाई गईं।
आपको बता दें कि इन यूट्यूब चैनलों के लाखों ग्राहक हैं और भुगतान किए गए विज्ञापन अभियानों के माध्यम से प्रचार द्वारा सहायता प्राप्त वीडियो की दर्शकों की संख्या करोड़ों में थी। यूट्यूब पर वीडियो जारी होने के बाद, शार्पलाइन शेयर की कीमतों और ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि हुई।