सेबी ने तेज की मनीलांड्रिंग के खिलाफ कार्रवाई
मनीलांड्रिंग और आतंकियों को धन उपलब्ध कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज करते हुए बाजार नियामक सेबी ने बीते वित्त वर्ष में 200 शेयर ब्रोकरों और सब-ब्रोकरों के परिसरों की जांच की। नियमों के उल्लंघन के संदेह में यह जांच की गई। इससे पिछले वित्त वर्ष 2011-12
By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली। मनीलांड्रिंग और आतंकियों को धन उपलब्ध कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज करते हुए बाजार नियामक सेबी ने बीते वित्त वर्ष में 200 शेयर ब्रोकरों और सब-ब्रोकरों के परिसरों की जांच की। नियमों के उल्लंघन के संदेह में यह जांच की गई।
इससे पिछले वित्त वर्ष 2011-12 में केवल 81 ब्रोकरों के परिसरों की जांच की गई थी। सेबी ने इन ब्रोकरों के नामों का खुलासा नहीं किया है। बीते साल नियामक ने 162 शेयर ब्रोकरों और 39 सब-ब्रोकरों के परिसरों का निरीक्षण किया। सेबी ने सरकार को सौंपी एक रिपोर्ट में कहा कि मनीलांड्रिंग रोकने के नियमों का उल्लंघन, ग्राहकों के खातों का समय पर निपटारा, ग्राहक को जानें (केवाईसी) नियमों के उल्लंघन और क्लियरेंस संबंधी मामलों की जांच के लिए यह निरीक्षण किया गया। नियामक पूंजी बाजार के जरिये आतंकियों को धन उपलब्ध कराने और मनीलांड्रिंग रोकने के नियम सख्ती से लागू कराने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। मनीलांड्रिंग और टेरर फंडिंग के लिए पूंजी बाजार में कंपनियों, साझेदारियों और ट्रस्टों की जटिल संरचना के इस्तेमाल का जोखिम दूर करने के लिए सेबी ने यह अनिवार्य किया है कि बाजार के मध्यस्थों और धन के वास्तविक मालिक की पहचान सुनिश्चित हो।
दुनियाभर में मनीलांड्रिंग को किसी भी देश के वित्तीय तंत्र के लिए बड़ा खतरा माना जाता है। सेबी ने कहा कि तेजी से विकास और वित्तीय बाजारों के एकीकरण के अलावा प्रोद्योगिकी व संचार साधनों के विस्तार से प्रशासन और संस्थाओं की चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं।