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आईपीओ लाने के प्रोसेस को सरल कर रहा सेबी, AI की भी ली जाएगी मदद

आईपीओ प्रक्रिया के इर्द-गिर्द एक जटिलता कायम है। जैसे कि एक जटिल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स दाखिल करना। अब मार्केट रेगुलेटर सेबी आईपीओ लाने की प्रक्रिया को काफी सरल बनाने जा रहा है। सेबी तेजी से मंजूरी के लिए कंपनियों द्वारा दाखिल किए जा रहे आईपीओ दस्तावेजों की जांच के लिए आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस (एआई) उपकरण भी विकसित कर रहा है। यह उपकरण दिसंबर तक उपलब्ध हो जाएगा।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 02 Aug 2024 06:33 PM (IST)
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धन जुटाने की नई प्रक्रिया पर हो रहा काम।

पीटीआई, मुंबई। मार्केट रेगुलेटर सेबी आईपीओ प्रक्रिया के सरलीकरण पर काम कर रहा है। नई प्रक्रिया के तहत एक टेम्पलेट होगा, जहां कंपनियां आईपीओ दस्तावेज तैयार करने के लिए रिक्त स्थान भर सकेंगी। नहीं समझ आने वाली बातों को स्पष्ट करने और किसी विशेष पहलू को समझाने के लिए एक अलग कॉलम होगा। सेबी ने यह भी कहा है कि आईपीओ की कुल संख्या के मामले में भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर है।

फिक्की एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा, 'आईपीओ प्रक्रिया के इर्द-गिर्द एक जटिलता कायम है जैसे कि एक जटिल 'ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स' दाखिल करना। अब इस प्रक्रिया को इससे मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है।' उन्होंने कहा, 'दस्तावेज सटीक और अर्थपूर्ण होगा तथा इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव को अलग से समझाया जाएगा।'

हालांकि, उन्होंने योजना के क्रियान्वयन के लिए कोई समय-सीमा या इसके लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी। इसके अलावा सेबी तेजी से मंजूरी के लिए कंपनियों द्वारा दाखिल किए जा रहे आईपीओ दस्तावेजों की जांच के लिए आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस (एआई) उपकरण भी विकसित कर रहा है। यह उपकरण दिसंबर तक उपलब्ध हो जाएगा।

धन जुटाने की नई प्रक्रिया पर काम

कंपनियों के लिए धन जुटाने की एक नई प्रक्रिया पर भी हो रहा काम सेबी सूचीबद्ध कंपनियों के लिए धन जुटाने की एक नई प्रक्रिया पर भी काम कर रहा है, जो राइट्स इश्यू और तरजीही आवंटन का मिलाजुला रूप होगा। उन्होंने कहा कि तरजीही आवंटन के लिए मंजूरी अवधि वर्तमान में 42 दिन है जो प्रस्तावित नई प्रक्रिया के बाद 23 दिन रह जाएगी। यह धन जुटाने का सबसे तेज तरीका होगा।

नई प्रक्रिया के तहत सेबी से अनुमोदन प्राप्त करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और मर्चेंट बैंकरों की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी। इसकी बड़ी वजह यह है कि राइट्स इश्यू और तरजीही आवंटन के जरिये धन जुटाने का दस्तावेज मात्र दो पन्नों का होगा, जिसमें निवेशकों के लिए सभी विवरण ठीक तरह प्रकाशित होंगे।

माधबी पुरी बुच ने कहा कि प्रस्ताव पर आगे बढ़ने से पहले सेबी इस विचार पर एक परामर्श पत्र लाएगा। इसके अलावा सेबी स्टार्टअप को सूचीबद्ध करने की व्यवस्था को आसान बनाने की दिशामें भी काम कर रहा है।

एनएसई ने फर्जीवाड़े पर किया आगाह

नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) ने शुक्रवार को निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश पर गारंटीड रिटर्न देने वाली एक इकाई के खिलाफ आगाह किया। उसका यह बयान तब आया जब एक्सचेंज को यह पता चला कि उसके पंजीकृत स्टॉक ब्रोकर का एक अधिकृत व्यक्ति गांरटीड रिटर्न का प्रस्ताव दे रहा था और निवेशकों से ऐसे सुनिश्चित रिटर्न पर कमीशन ले रहा था।

एक्सचेंज ने कहा कि वह ट्रेडिंग सदस्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। इससे पहले फरवरी में, सेबी ने निवेशकों को निवेश पर सुनिश्चित या असाधारण रिटर्न का वादा करने वाली अपंजीकृत संस्थाओं के साथ पैसा लगाने के खिलाफ आगाह किया था।

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