सेबी के रडार पर Unlisted Companies, बाजार नियामक बना रहा है ये बड़ा प्लान
पूंजी बाजार नियामक सेबी गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के लिए प्रकटीकरण आवश्यकताओं को लागू करना चाहता है। वर्तमान में गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के लिए भी प्रकटीकरण आवश्यकताओं पर विचार किया जा रहा है जो वर्तमान में लागू नहीं है। इसके अलावा सेबी ने डेरिवेटिव सेगमेंट और डीलिस्टिंग को भी कुछ योजना बना रहा है। जानिए सेबी क्यों उठा रहा है यह कदम और क्या है पूरी खबर।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 08 Aug 2023 07:34 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: पूंजी बाजार नियामक सेबी गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के लिए डिस्क्लोजर आवश्यकताओं को लागू करने पर विचार कर रहा है।
आपको बता दें कि जिस तरह लिस्टेड कंपनियों के लिए डिस्क्लोजर जरूरी होता है उसी प्रकार अब अन लिस्टेड कंपनियों को भी अब डिस्क्लोजर जरूरी करने पर विचार किया जा रहा है जो फिलहाल लागू नहीं है।
पारदर्शिता की सुविधा देना का लक्ष्य
सेबी ने 2022-23 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा किसूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध सहयोगियों के एक जटिल समूह के साथ गैर-सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा प्रतिभूति बाजार पारिस्थितिकी तंत्र में पेश किए गए जोखिमों की पहचान, निगरानी और प्रबंधन करने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, सेबी लेनदेन की ग्रुप-स्तरीय रिपोर्टिंग को बढ़ाकर ग्रुप के आसपास पारदर्शिता की सुविधा प्रदान करने की योजना बना रहा है। अपने एनुअल रिपोर्ट में सेबी ने बताया कि ग्रुप के अंदर क्रॉस-होल्डिंग और फिजिकल वित्तीय लेनदेन के विवरण का खुलासा जैसे कुछ ऐसे मामले हैं जिनकी जांच सेबी वार्षिक आधार पर खुलासा करने के लिए करेगा।
डेरिवेटिव सेगमेंट पर भी सेबी का एक्शन
अन लिस्टेड कंपनियों के अलावा सेबी डेरिवेटिव सेगमेंट में स्टॉक पेश करने के लिए पात्रता मानदंड की समीक्षा करने की योजना बना रहा है।
आपको बता दें कि डेरिवेटिव में स्टॉक पेश करने के लिए पात्रता मानदंड की आखिरी समीक्षा 2018 में हुई थी। तब से, बाजार पूंजीकरण और टर्नओवर जैसे नकदी बाजार के आकार और तरलता को दर्शाने वाले व्यापक बाजार पैरामीटर काफी बढ़ गए हैं।