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SEBI ने जारी की वित्त वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट, लागू हो सकते हैं ''MF Lite''नियम

SEBI सेबी ने आज  वित्त वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। भारतीय विनिमायक सेबी निष्क्रिय फंडों को रोकने पर जोर दे रही है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही सेबी एमएफ लाइट नियम लागू कर देगी। इस नियम को लागू करने के लिए सेबी म्यूचुअल फंड के साथ मिलकर काम कर रही है। आइएवित्त वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट के बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Mon, 07 Aug 2023 05:55 PM (IST)
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SEBI ने जारी की वित्त वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट

 नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Mutual Funds Lite Regulations: पूंजी बाजार नियामक सेबी निष्क्रिय फंडों के लिए 'एमएफ लाइट' नियम लागू करने के लिए म्यूचुअल फंड उद्योग के साथ जुड़ा हुआ है। यह एक ऐसा कदम जो अनुपालन बोझ को कम करेगा और नवाचार को बढ़ावा देगा।

पैसिव फंड एक निवेश माध्यम है जो बाजार सूचकांक या किसी विशिष्ट बाजार खंड को ट्रैक करता है। इन फंडों में पैसिव इंडेक्स फंड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और ईटीएफ में निवेश करने वाले फंड शामिल हैं।

वित्त वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट

सेबी ने आज वित्त वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है।  इस रिपोर्ट में सेबी ने कहा है कि मौजूदा एमएफ नियामक ढांचा सक्रिय फंड प्रबंधन के आसपास बनाया गया था। इस वजह से सेबी निष्क्रिय फंडों के लिए म्यूचुअल फंड लाइट नियमों को पेश करने की योजना बना रहा है। इसमें निवेश निर्णय विवेकाधीन नहीं हैं, बल्कि अंडरलाइंग बेंचमार्क इंडेक्स में बदलाव से जुड़े हैं।

इन नए नियमों से निष्क्रिय फंडों की अनुपालन आवश्यकताओं में काफी कमी आने और पैसिव फंड इकोसिस्टम में इनोवेशन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

म्यूचुअल फंड लोगों से धन जुटाती है। म्यूचुअल फंड योजनाएं को कई नियमों का पालन करना पड़ता है। सेबी ने कहा कि नियमित म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए या नहीं यह फैसला फंड मैनेजर के विवेक पर होता है। इसकी वजह यह है कि लाखों छोटे निवेशक म्यूचुअल फंड पर भरोसा करते हैं। इस वजह से म्यूचुअल फंड के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनी और इंवेस्टमेंट टीम की सख्त आवश्यकता होती है।

अगर कोई म्यूचुअल फंड केवल ईटीएफ और इंडेक्स फंड जैसे निष्क्रिय निवेश उत्पादों की पेशकश करना चाहता है तो वह निवेश निर्णय के विवेकाधीन नहीं हैं।  ऐसे में अंडरलाइंग बेंचमार्क इंडेक्स में बदलाव होना जरूरी है।

सेबी वर्तमान में 'एमएफ लाइट' शुरू करने के लिए म्यूचुअल फंड उद्योग के साथ जुड़ा हुआ है। इससे पहले मई में, सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत बरुआ ने कहा था कि नियामक निष्क्रिय फंडों के लिए म्यूचुअल फंड के लिए नियम लेकर आएगा।

मई में लोगों से लिया गया था परामर्श

सेबी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि नए प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने के लिए म्यूचुअल फंड योजनाओं द्वारा ली जाने वाली फीस और खर्चों के लिए लागू नियामक नियमों की समीक्षा की जाएगी। नियामक ने मई में एक परामर्श पत्र जारी किया था। इसमें म्यूचुअल फंड के कुल व्यय अनुपात में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव दिया गया था।

सेबी उन्हें म्यूचुअल फंड के लिए अतिरिक्त निवेश उत्पाद प्रदान करने के लिए सिंथेटिक कॉरपोरेट बॉन्ड में एक्सपोजर लेने के उद्देश्य से क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप बेचने की अनुमति देने पर भी विचार कर रहा है।

नई सर्विस होगी लॉन्च  

सेबी ने कहा कि आने वाले वर्ष में कई नई सर्विस लॉन्च होने की उम्मीद है। ये वैश्विक स्तर पर पहली बार होंगा। इसमें इन्वेस्टर रिस्क रिडक्शन एक्सेस प्लेटफॉर्म जैसी सर्विस है। विशेष विंडो ब्रोकर - और साइबर सुरक्षा घटनाओं से निपटने के लिए एक SaaS-आधारित मॉडल भी लॉन्च होगा।

इसके अलावा, सेबी के लिए एक प्रमुख क्षेत्रों के लिए आने वाले वर्षों में प्रतिभूति बाजार में वित्तीय समावेशन की सुविधा भी जारी करेगी।