सेबी को होगा 76,293 करोड़ का नुकसान? मार्केट रेगुलेटर ने कहा- मुश्किल है बकाया रकम की वसूली
सेबी ने 76293 करोड़ रुपये को डिफिकल्ट टु रिकवर (DTR) कैटेगरी में रखा है। DTR वह बकाया रकम होती हैं जिन्हें सभी प्रयासों के बाद भी वसूल नहीं किया जा सका। सेबी ने अपनी सालाना रिपोर्ट 2023-24 में कहा है कि ऐसी DTR बकाया राशि की अलग-अलग कैटेगरी में बांटना केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया है और यह वसूली अधिकारियों को DTR की वसूली से नहीं रोकता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने 76,293 करोड़ रुपये बकाया राशि की वसूली को 'मुश्किल' की श्रेणी में रखा है। यह रकम पिछले साल की तुलना में चार प्रतिशत अधिक है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा अदालत के आदेश से नियुक्त समितियों के समक्ष लंबित मामलों के कारण है। बकाया राशि की वसूली कठिन है। यह ऐसी राशि है, जिनकी वसूली पुनरोद्धार के सभी उपायों को लागू करने के बाद भी नहीं हो पाई है।
सेबी ने 2023 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, 'डिफिकल्ट टु रिकवर (डीटीआर) यानी वसूली में मुश्किल बकाया को अलग करना पूरी तरह से एक प्रशासनिक कार्य है। यह अधिकारियों को डीटीआर के रूप में अलग की गई राशि की वसूलने से नहीं रोकेगा।'रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च, 2024 तक सेबी ने डीटीआर के रूप में 807 मामलों की पहचान की। इन पर कुल बकाया 76,293 करोड़ रुपये था। वहीं पिछले साल 73,287 करोड़ रुपये के 692 मामले थे। इन 807 मामलों में से 36 मामले राज्य की अदालतों, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में चल रही कार्यवाही के कारण लंबित हैं।
इन मामलों में 12,199 करोड़ रुपये की राशि शामिल हैं। इसके अलावा, 60 मामले अदालत द्वारा गठित समितियों के समक्ष हैं, जिनमें 59,970 करोड़ रुपये शामिल हैं। इन दोनों श्रेणियां में अभी तक वसूल की जाने वाली कुल राशि का 95 प्रतिशत हिस्सा है। सेबी अपनी कार्यवाही की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सालाना रिपोर्ट के माध्यम से 2021-22 के बाद से बकाया राशि वसूली के मुश्किल मामलों को लेकर आंकड़े जारी कर रहा है।
कुल मिलाकर, सेबी के पास 1.03 लाख करोड़ रुपये की वसूली करने लायक बकाया राशि है। इसमें वे संस्थाएं शामिल हैं, जो जुर्माने का भुगतान नहीं कर पाईं या फिर जिनको सेबी की तरफ से निवेशकों की रकम रिफंड करने को आदेश मिला था, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को निर्णय अधिकारी (adjudicating officer) द्वारा लगाए गए दंडों की वसूली का अधिकार है। सेबी ने 2023-24 के दौरान 342 नए मामलों की जांच शुरू की, जो पिछले वित्तीय वर्ष में लिए गए 144 मामलों से कहीं अधिक है।
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