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IPO के बाद अब सिर्फ 3 दिनों में लिस्ट होंगे कंपनियों के शेयर, SEBI ने दिया बड़ा अपडेट

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने आज आईपीओ के बाद स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों को सूचीबद्ध करने की समय सीमा मौजूदा छह दिनों से घटाकर तीन दिन कर दी है। सेबी ने आज एक परिपत्र जारी कर कहा कि नई लिस्टिंग की समय सीमा 1 सितंबर या उसके बाद शुरू होने वाले सभी आईपीओ के लिए स्वैच्छिक होगी और 1 दिसंबर से शुरू होने वाले सभी आईपीओ के लिए अनिवार्य होगी।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 09 Aug 2023 07:11 PM (IST)
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IPO के बाद अब सिर्फ 3 दिनों में लिस्ट होंगे कंपनियों के शेयर, SEBI ने दिया बड़ा अपडेट
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: शेयर बाजार से जुड़ी एक बहुत बड़ी खबर सामने निकल कर आ रही है। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने आज इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) के बंद होने के बाद स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों की लिस्टिंग की समयसीमा को वर्तमान छह दिनों से घटाकर तीन दिन कर दिया है।

सितंबर से लागू हो जाएंगें नियम

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आज एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि नई लिस्टिंग समयसीमा 1 सितंबर या उसके बाद खुलने वाले सभी आईपीओ के लिए स्वैच्छिक होगी और 1 दिसंबर के बाद आने वाले सभी आईपीओ के लिए अनिवार्य होगी।

निवेशकों और कंपनियों दोनों को होगा फायदा

सेबी ने कहा कि शेयरों की लिस्टिंग और ट्रेडिंग की समयसीमा में कमी से आईपीओ जारी करने वाली कंपनी और निवेशकों दोनों को फायदा होगा। सेबी बोर्ड द्वारा जून में इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद यह कदम उठाया गया।

इस फैसले से आईपीओ लाने वाली कंपनी के पास जुटाई गई पूंजी तक तेजी से पहुंच होगी जिससे व्यापार करने में आसानी होगी और निवेशकों को अपने निवेश के लिए शीघ्र लोन और तरलता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

सेबी ने आज एक सर्कुलर को जारी करते हुए कहा कि

आईपीओ के बंद होने के बाद निर्दिष्ट प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध करने में लगने वाले समय को 6 कार्य दिवसों (टी+6 दिन) की वर्तमान आवश्यकता के मुकाबले घटाकर तीन कार्य दिवस (टी+3 दिन) करने का निर्णय लिया गया है। 'टी' आईपीओ की अंतिम तिथि है

सेबी ने कहा कि ASBA आवेदन राशि को अनब्लॉक करने में देरी के लिए निवेशकों को मुआवजे की गणना टी+3 दिन से की जाएगी।

रजिस्ट्रार पैन का करेगा सत्यापन

सेबी ने कहा कि किसी इश्यू का रजिस्ट्रार, आवेदक के बैंक खाते में उपलब्ध पैन के साथ डीमैट खाते में उपलब्ध पैन का मिलान करके आवेदनों को थर्ड पार्टी द्वारा सत्यापन करेगा।

बेमेल के मामलों में, ऐसे आवेदनों को आवंटन के आधार को अंतिम रूप देने के लिए अमान्य आवेदन माना जाता रहेगा।