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SEBI ने उठाया बड़ा कदम, गलत तरीके से ट्रेड कर रही 7 कंपनियों पर 35 लाख रुपये का लगाया जुर्माना

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने आज सात कंपनियों पर इलिक्विड स्टॉक विकल्पों के अवास्तविक व्यापार में शामिल होने के लिए 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। सेबी ने बीएसई पर इलिक्विड इक्विटी ऑप्शंस सेगमेंट में बड़े पैमाने पर रिवर्सल ट्रेड देखे थे जिसकी वजह से एक्सचेंज पर ऑर्टिफिशियल ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ गया था। जानिए किस-किस पर लगा जुर्माना। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 12 Sep 2023 09:48 PM (IST)
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अवास्तविक ट्रेड में शामिल होने के कारण लगा जुर्माना

नई दिल्ली, एजेंसी: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने आज इलिक्विड स्टॉक विकल्प (illiquid stock options) में अवास्तविक ट्रेड में शामिल होने के लिए सात संस्थाओं पर कुल 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

इन पर लगा जुर्माना

सेबी ने कल यानी सोमवार को सात अलग-अलग आदेशों में, सुभाष कुमार पोद्दार, मनोज कुमार गोयन, अयान अख्तर हुसैन, अंकिता डिडवानिया, राकेश गोलेछा, अंकुर तनेजा, और योगेश कुमार गुप्ता पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

सेबी ने पाई थी गड़बड़ी

सेबी ने बीएसई पर इलिक्विड स्टॉक ऑप्शंस सेगमेंट में बड़े पैमाने पर रिवर्सल ट्रेडों को देखा था, जिससे एक्सचेंज पर ऑर्टिफिशियल वॉल्यूम बढ़ गया था।

इसके अलावा, सेबी ने अप्रैल 2014 से सितंबर 2015 तक इस खंड में शामिल कुछ संस्थाओं की व्यापारिक गतिविधियों की जांच की।

अवास्तविक होता है रिवर्सल ट्रेड

सेबी ने कहा कि रिवर्सल ट्रेडों को अवास्तविक माना जाता है क्योंकि उन्हें ट्रेडिंग के सामान्य तरीके से निष्पादित किया जाता है, जिससे ऑर्टिफिशियल वॉल्यूम उत्पन्न करने के मामले में ट्रेडिंग का गलत या भ्रामक स्वरूप सामने आती है।

सेबी ने कहा कि रिवर्सल ट्रेडिंग कर संस्थाओं ने पीएफयूटीपी (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं का निषेध) मानदंडों का उल्लंघन किया है।

इस फर्म का लाइसेंस हुआ कैंसल

सेबी ने ब्रोकरेज फर्म रुद्र कॉमवेंचर्स, जिसे पहले गिगांटिक कमोडिटीज के नाम से जाना जाता था, का पंजीकरण रद्द कर दिया है। सेबी ने कहा कि यह फर्म अपने ग्राहकों को अब बंद हो चुकी नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड पर अवैध युग्मित अनुबंधों में व्यापार करने की सुविधा देता था।