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SEBI Study: इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले 10 में से 7 लोगों को होता है घाटा, क्या है इसकी वजह?

सेबी की स्टडी के मुताबिक इंट्राडे ट्रेडिंग में उन निवेशकों को नुकसान हुआ जिन्होंने ज्यादा बार ट्रेड किया। मतलब कि अगर कोई 1 ट्रेड में प्रॉफिट होने के बाद रुक गया तो वह लाभ में रहा। लेकिन बहुत-से निवेशकों ने 1 ट्रेडिंग में प्रॉफिट होने के बाद लाभ कमाने के चक्कर में 2-3 ट्रेड और कर लिए और नुकसान करा बैठे।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Wed, 24 Jul 2024 08:19 PM (IST)
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ज्यादा ट्रेड को ट्रेडर को अधिक नुकसान।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने शेयर मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों के बारे में कुछ दिलचस्प खुलासे किए हैं। सेबी की स्टडी बताती है कि वित्त वर्ष 2022-23 में 10 में से 7 लोगों ने इक्विटी कैश सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग से नुकसान उठाया। इसी दौरान इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर खरीदने-बेचने वाले निवेशकों की तादाद भी तेजी से बढ़ी है। यह 2018-19 के मुकाबले तीन गुणा से अधिक हो गई है।

किन लोगों को होता है नुकसान?

सेबी की स्टडी के मुताबिक, इंट्राडे ट्रेडिंग में उन निवेशकों को नुकसान हुआ, जिन्होंने ज्यादा बार ट्रेड किया। मतलब कि अगर कोई 1 ट्रेड में प्रॉफिट होने के बाद रुक गया, तो वह लाभ में रहा। लेकिन, बहुत-से निवेशकों ने 1 ट्रेडिंग में प्रॉफिट होने के बाद लाभ कमाने के चक्कर में 2-3 ट्रेड और कर लिए और नुकसान करा बैठे।

सेबी ने अपनी रिपोर्ट के लिए देश के टॉप 10 ब्रोकरेज हाउस के ग्राहकों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। इन ब्रोकरेज के शेयर मार्केट के कुल ग्राहकों का तकरीबन 86 फीसदी हिस्सा है।

इंट्राडे ट्रेडिंग में घाटे वाले लोग ज्यादा

सेबी की रिपोर्ट बताती है कि हर तीन में से एक शख्स स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करता है। इनमें 30 साल से कम उम्र वाले निवेशकों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। साल 2018-19 में ये संख्या 18 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 48 फीसदी हो गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022-23 में 10 में से 7 लोगों यानी करीब 71 फीसदी लोगों ने इंट्राडे ट्रेडिंग में नुकसान उठाया। अगर कोई शख्स बहुत ज्यादा ट्रेडिंग करता है यानी साल में औसतन 500 से ज्यादा बार, तो नुकसान की आशंका भी बढ़ जाती है। इस तरह के ट्रेडर में 80 फीसदी लोग घाटे में रहे।

डेरिवेटिव्स सेगमेंट से ज्यादा नुकसान

इससे पहले सेबी ने एक रिपोर्ट में बताया था कि फ्यूचर और ऑप्शन (F&O) सेगमेंट में ट्रेडिंग करने वाले अधिकतर लोगों को नुकसान हुआ। इसके मुताबिक, साल 2022 में F&O में ट्रेड करने वाले 10 में 9 लोगों ने यानी करीब 89 फीसदी ने अपना पैसा गंवाया।

हर ट्रेडर को औसतन 1.1 लाख रुपये का नुकसान हुआ। कोरोना काल के दौरान F&O में ट्रेड करने वालों की संख्या में भी जोरदार उछाल आया। साल 2019 में F&O ट्रेडर की संख्या 7 लाख थी, जो साल 2021 में बढ़कर 45 लाख हो गई। इसमें 500 फीसदी से अधिक का उछाल आया।

क्या होती है इंट्राडे और F&O ट्रेडिंग

इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसमें एक ही ट्रेडिंग डे के भीतर शेयरों की खरीद और बिक्री की जाती है। स्टॉक की कीमतों में पूरे दिन उतार-चढ़ाव होता है। इंट्राडे ट्रेडर इसी उतार-चढ़ाव से पैसे कमाने की कोशिश करते हैं।

वहीं, F&O ट्रेडिंग की बात करें, तो यह वायदा कारोबार होता है। इसमें आपको सटीक अनुमान लगाना होता है कि कौन-सा स्टॉक ऊपर जाएगा और कौन-सा नीचे। अगर आपका अनुमान सही बैठता है, तो आप अच्छे पैसे कमा सकते हैं, नहीं तो आपको नुकसान होगा।

(पीटीआई से इनपुट के साथ)

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