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Adani-Hindenburg मामले में SEBI ने सौंपी स्टेटस रिपोर्ट, 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

Adani Groupइस साल जनवरी में अदाणी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर शेयरों के हेर फेर जैसे कई आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपो को वैसे तो अदाणी ग्रुप ने इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को आदेश दिया था कि वह अदाणी ग्रुप पर लगे आरोप की जांच करें। सेबी ने एक स्टेटस रिपोर्ट पेश किया है।

By AgencyEdited By: Priyanka KumariUpdated: Fri, 25 Aug 2023 08:53 PM (IST)
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Adani-Hindenburg मामले में SEBI ने सौंपी स्टेटस रिपोर्ट
 नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Sebi Submit Adani-Hindenburg status report to SC: सेबी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने  अदाणी ग्रुप के खिलाफ दो को छोड़कर सभी आरोपों की जांच पूरी कर ली है। अभी भी सेबी विदेशी निवेशकों के वास्तविक मालिकों के बारे में पांच टैक्स हेवेन से जानकारी का इंतजार कर रहा है।

सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को दी एक स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि जिन 24 मामलों की जांच कर रहा है, उनमें से 22 के निष्कर्ष अंतिम हैं। अपनी जांच के नतीजों का खुलासा किए बिना, सेबी ने संबंधित पार्टी लेनदेन सहित अपनी जांच के दौरान उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्यौरा दिया। नियामक ने फाइलिंग में कहा है कि सेबी कानून के अनुसार जांच के नतीजे के आधार पर उचित कार्रवाई करेगा।

अदाणी ग्रुप पर क्या आरोप लगा है

सेबी ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि वह स्टॉक की कीमतों में हेरफेर,लेनदेन का खुलासा करने में कथित विफलता और समूह के कुछ शेयरों में अंदरूनी व्यापार के संभावित उल्लंघन जैसे आरोप की जांच कर रही है।

सेबी ने कहा कि विदेशी प्रॉक्सी के माध्यम से अपनी ही कंपनियों में निवेश करके न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी की आवश्यकता का अनुपालन न करने के आरोप पर 13 विदेशी संस्थाएं (12 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक और एक विदेशी इकाई) के जरिये जांच हो रही है।

इन 13 को अदाणी ग्रुप की कंपनियों के सार्वजनिक शेयरधारकों के रूप में वर्गीकृत किया गया था। वहीं, अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च में इनमें से कुछ को करीबी सहयोगी या समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी द्वारा संचालित बताया गया है। सेबी ने कहा कि चूंकि इन विदेशी निवेशकों से जुड़ी कई संस्थाएं टैक्स हेवन क्षेत्राधिकार में स्थित हैं। इस वजह से यह 12 एफपीआई के आर्थिक हितधारक शेयरधारकों को स्थापित करना एक चुनौती बनी हुई है। इसके अलावा सेबी ने कहा कि यह जांच रिपोर्ट अंतरिम है।

सेबी के मुताबिक सूचीबद्ध कंपनियों को कम से कम 25 फीसदी की न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी बनाए रखनी होगी। सेबी ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जारी होने से पहले और बाद में अदाणी ग्रुप के शेयरों में कारोबार के संबंध में सक्षम प्राधिकारी द्वारा एक अंतरिम रिपोर्ट को मंजूरी दे दी गई है। इसके लिए बाहरी एजेंसियों/संस्थाओं से जानकारी सक्रिय रूप से खोजी जा रही है। सेबी अंतरिम रिपोर्ट को 24 अगस्त को सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किया गया था।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट

हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी की रिपोर्ट ने अदाणी ग्रुप पर धोखाधड़ी, स्टॉक मूल्य में हेरफेर और टैक्स हेवन के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई। इसके साथ ही शेयर बाजार में भी गिरावट आई थी। वैसे को अदाणी ग्रुप ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को आरोपों पर गौर करने और अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। आरोपों के नियामक पहलुओं को देखने के लिए मार्च में एक अलग छह सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल का गठन किया गया था। इसमें एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश और अनुभवी बैंकर शामिल थे। इस साल मई में पैनल ने कहा था कि सेबी ने अब तक अपनी जांच में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला है और मामले में उसकी चल रही खोज "बिना गंतव्य की यात्रा" है।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अपनी जांच पूरी करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए 14 अगस्त की समय सीमा तय की। नियामक ने जांच पूरी करने के लिए 15 दिन का विस्तार मांगा। अब  सेबी ने अपनी जांच पर एक स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की है। सेबी ने पहले 13 विशिष्ट सौदों की पहचान की थी।