Sensex History: सेंसेक्स...नाम तो सुना ही होगा, 1 रुपये से शुरू हुई थी मेरी कहानी, पढ़िए मेरा इतिहास
सेंसेक्स की शुरुआत महज 1 रुपये के एंट्री फीस से हुई थी। आज हम आपको सेंसेक्स के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आपके भी गर्व होगा। आज जानिए क्या है दुनिया के 11वें सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज की कहानी।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Sat, 17 Jun 2023 08:29 PM (IST)
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: आप चाहे शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं या फिर नहीं लगाते आपने शेयर बाजार का नाम तो सुना ही होगा। भारत की स्टॉक मार्केट दुनिया की टॉप पांच स्टॉक मार्केट में शामिल है। भारतीय शेयर बाजार को एशिया का सबसे पुराना शेयर बजार भी कहा जाता है।
शेयर बाजार में दो सूचकांक होते हैं सेंसेक्स और निफ्टी, लेकिन आज हम सिर्फ सेंसेक्स की बात करेंगे। सेंसेक्स में 5000 से अधिक कंपनियां लिस्ट है और टॉप 30 कंपनियां से सेंसेक्स की पहचान है। आज हम आपको बतातें हैं कि दुनिया के 11वें सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज की शुरू होने की क्या कहानी है।
कैसे हुई शुरुआत?
सेंसेक्स की शुरुआत 1850 में एक बरगद के पेड़ के नीचे हुई थी, ऐसा माना जाता है। इस पेड़ के नीचे चार गुजराती और एक पारसी ने अलग-अलग कारोबारियों के साथ बैठक करते थे। धीरे-धीरे ये संख्या बढ़ती चली गई।मुंबई के चर्चगेट इलाके में हार्निमन सर्कल के टाउनहॉल के पास स्थित इस पेड़ के पास दलाल एकजुट होते थे और शेयर बेचा करते थे। 1855 में यानी पांच साल के बाद जब पेड़ के पास दलालों की संख्या बढ़ने लगी तब एक ऑफिस खरीदा गया था जो आज 'बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज' (बीएसई) के नाम से जाना जाता है.
ऐसे जन्मा दलाल स्ट्रीट
धीरे-धीरे दलाल तत्कालीन बंबई के मेडोज स्ट्रीट और एमजी रोड पर जुटते चले गए और यह रोड दलाल स्ट्रीट के नाम से फेमस हो गई। साल 1975 में द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोशियसन की स्थापना हुई जिसे आधिकारीक तौर पर शेयर बाजार का शुरुआत माना जाता है। उस वक्त मात्र 318 लोगों ने 1 रुपये की एंट्री फीस लेकर इस एसोसिएशन का गठन किया था।