विदेशी निवेश नहीं अब घरेलू निवेशकों के भरोसे चल रहा है सेंसेक्स, एक साल में एक साल में 10 प्रतिशत से अधिक का दिया रिटर्न
वैश्विक उथल-पुथल और विभिन्न आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारतीय बाजार ने पिछले एक साल में 10 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी मुख्य वजह भारतीय अर्थव्यवस्था की लगातार मजबूती और घरेलू निवेशकों की बाजार के प्रति बढ़ती भूख है। इस प्रकार भारतीय बाजार अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और अमेरिकी बैंकों द्वारा उच्च पैदावार की घोषणा से काफी हद तक अप्रभावित है।
By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 07 Nov 2023 09:20 PM (IST)
राजीव कुमार, नई दिल्ली। वैश्विक उथल-पुथल व तमाम आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारतीय बाजार ने पिछले एक साल में 10 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है।
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी मुख्य वजह भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार आ रही मजबूती और घरेलू निवेशकों का बाजार के प्रति बढ़ता रुझान है। तभी अब अमेरिकी डालर में मजबूती और अमेरिकी बैंकों द्वारा अधिक रिटर्न दिए जाने की घोषणा पर भारतीय बाजार मामूली रूप से प्रभावित होता है या नहीं होता है। पहले ऐसी स्थिति में सेंसेक्स धड़ाम हो जाता था।
अगर स्थिति ठीक रही तो बाजार और होगा बेहतर
जानकारों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर चल रहे संघर्षों की स्थिति गंभीर नहीं बनी तो भारतीय बाजार का प्रदर्शन आगे और बेहतर हो सकता है। विश्व बैंक से लेकर तमाम बड़ी वैश्विक एजेंसियों के अनुमान के मुताबिक इस साल और अगले साल छह प्रतिशत से अधिक की विकास दर के साथ भारत दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करेगा।चीन का बाजार सुस्त
विकासशील देशों में चीन का बाजार सुस्त दिख रहा है तो भारत में नए निवेश का दौर शुरू हो चुका है। स्टॉक बाजार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर से लेकर इस साल अक्टूबर तक डीमैट खाते की संख्या में 3.56 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है और इसके साथ ही देश में डीमैट खाता रखने वालों की संख्या 13.25 करोड़ हो चुकी है।घरेलू निवेशकों का सिलसिला रहेगा जारी
बाजार के रिटर्न को देख घरेलू निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहेगा। पिछले चार महीनों के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने खरीदारी से अधिक बिकवाली की है।दूसरी तरफ घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) लगातार बिकवाली से अधिक खरीदारी कर रहे हैं। यही वजह है कि बाजार अब एकदम से धड़ाम होता नहीं दिखता है। इस साल नवंबर के सात दिनों में एफआईआई ने 37,606 करोड़ रुपए की खरीदारी की तो 41,717 करोड़ की बिकवाली की।
वहीं, डीआईआई ने इस अवधि में 32,272 करोड़ की खरीदारी की और 29,105 करोड़ की बिकवाली की। इस साल अक्टूबर में एफआईआई ने 186,494 करोड़ रुपए की खरीदारी तो 215,551 करोड़ की बिकवाली की।डीआईआई ने इस अवधि में 155,888 करोड़ की खरीदारी तो 130,782 करोड़ की बिकवाली की।