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ई-कॉमर्स सेक्टर से सर्विस सेक्टर को मिल रहा है बूस्ट, वित्त वर्ष 26 तक 163 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है कारोबार

वित्त मंत्रालय का मानना ​​है कि देश के सेवा क्षेत्र में ई-कॉमर्स का बड़ा योगदान है और आने वाले दिनों में ई-कॉमर्स कारोबार तेजी से बढ़ेगा। सरकारी उपायों के कारण सस्ती कीमतों पर इंटरनेट की उपलब्धता के साथ ई-कॉमर्स व्यवसाय अब टियर 2 और 3 पर पहुंच गया है। वहीं सरकार के इनोवेशन फंड जैसे कार्यक्रम से भी घरेलू ई-कॉमर्स को काफी समर्थन मिला है।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 22 Nov 2023 08:51 PM (IST)
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सस्ते दाम पर इंटरनेट उपलब्ध होने से ई-कॉमर्स का कारोबार अब टियर-2 और टियर-3 तक पहुंच गया।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय का मानना है कि देश के सर्विस सेक्टर में ई-कॉमर्स अपना अहम योगदान दे रहा है और आने वाले दिनों में ई-कॉमर्स के कारोबार में तेज बढ़ोतरी होगी।

सरकारी नीतियों की वजह से सस्ते दाम पर इंटरनेट उपलब्ध होने से ई-कॉमर्स का कारोबार अब टियर-2 और टियर-3 तक पहुंच गया। वहीं, सरकार के डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, इनोवेशन फंड जैसे कार्यक्रम से भी घरेलू ई-कॉमर्स को काफी समर्थन मिला है।

वित्त वर्ष 26 तक 163 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है ई-कॉमर्स का कारोबार

वित्त मंत्रालय की अक्टूबर की मासिक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2026 तक ई-कॉमर्स का कारोबार 163 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। किराना बाजार को छोड़ दिया जाए तो अन्य प्रकार की वस्तुओं की 25 प्रतिशत बिक्री अब ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से होने लगी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, डाटा की निजता, उपभोक्ता सुरक्षा एवं डिजिटल प्लेटफार्म को लेकर लाए गए नियम से उपभोक्ताओं में ई-कॉमर्स को लेकर भरोसा जगा है और यह कारोबार पारदर्शी होता जा रहा है।

स्मार्टफोन के कारण बढ़ रहा है ई-कॉमर्स

अधिकतर लोगों के पास स्मार्टफोन की उपलब्धता से भी ई-कॉमर्स को मदद मिल रही है। तभी वित्त वर्ष 2022-23 में ई-कॉमर्स के आर्डर वोल्यूम में पूर्व के वित्त वर्ष के मुकाबले 26.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।

रिपोर्ट के मुताबिक ई-कॉमर्स से होने वाले कुल कारोबार में टियर-1 की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2022-23 में 44.3 प्रतिशत रही। टियर-2 में यह हिस्सेदारी 37.1 प्रतिशत तो टियर-3 में 18.6 प्रतिशत की रही। इसलिए टियर-2 और टियर-3 में ई-कॉमर्स कारोबार के बढ़ने की पूरी गुंजाइश है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा घरों की सजावट, हेल्थ व फार्मा जैसे सेक्टर में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से अधिक खरीदारी हो रही है।

इनमें आई तेजी

ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर एफएमसीजी व कृषि, फैशन व गारमेंट्स, सौंदर्य प्रसाधन से जुड़े उत्पादों की बिक्री में तेजी आई है। ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रसार को देखते हुए कई स्टोर अब औमनीचैनल माडल को अपना रहे हैं।

ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों रूप से कारोबार करने वाले औमनीचैनल की श्रेणी में आते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में औमनीचैनल स्टोर के विस्तार में 58 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। दूसरी तरफ, पूरी तरह से ऑफलाइन कारोबार करने वाले कारोबारी सरकार से ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के लिए सख्त नीति लाने की मांग कर रहे हैं ताकि वे किसी वस्तु की बिक्री भारी छूट के साथ नहीं कर सके।