Service Sector: भारत के सर्विस सेक्टर की जबरदस्त रफ्तार, वर्ष 2023 में 11.4 फीसदी की हुई ग्रोथ
Services Sector growth Data वर्ष 2023 में सर्विस एक्सपोर्ट में तेजी देखने को मिली है। इस ग्रोथ को लेकर UNCTAD ने एक रिपोर्ट पेश किया है। रिपोर्ट में बताया गया कि 2023 में भारत का सेवा निर्यात 11.4 प्रतिशत बढ़कर 345 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। इस सेक्टर में आई तेजी में ट्रैवल ट्रांसपोर्ट मेडिकल और हॉसपिटेलिटी ने योगदान दिया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। देश के सर्विस सेक्टर में तेजी देखने को मिली है। सर्विस सेक्टर की ग्रोथ को लेकर UNCTAD ने रिपोर्ट जारी किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद 2023 में भारत का सेवा निर्यात 11.4 प्रतिशत बढ़कर 345 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। इस सेक्टर में चीन का शिपमेंट 10.1 प्रतिशत घटकर 381 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
भारत की सर्विस एक्सपोर्ट की तेजी में ट्रैवल, ट्रांसपोर्ट, मेडिकल और हॉसपिटेलिटी ने योगदान दिया है।
UNCTAD के एक त्रैमासिक बुलेटिन में कहा गया है कि मौजूदा डॉलर मूल्य के संदर्भ में 8.9 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ, विश्व सेवा निर्यात 2023 में 7.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया।
वहीं, विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में प्रमुख निर्यातकों में भारत, चीन, सिंगापुर, तुर्किये, थाईलैंड, मैक्सिको और सऊदी अरब शामिल हैं। हालाँकि, भारत का सेवा आयात पिछले साल 0.4 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 248 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया।
UNCTAD रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में सेवाओं के निर्यात में साल-दर-साल वृद्धि का मुख्य चालक अंतरराष्ट्रीय यात्रा रिसिप्ट में पर्याप्त वृद्धि थी। COVID-19 रिकवरी के बाद, एशिया में यात्रा रिसिप्ट में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
भारत के सर्विस एक्सपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए एक उद्योग विशेषज्ञ ने कहा कि
आईटी और आईटी-सक्षम सेवाओं और यात्रा का निर्यात मजबूत हो रहा है। इंजीनियरिंग, वास्तुकला, कानूनी और लेखा सेवाएं और अनुसंधान और प्रबंधन परामर्श सेवाएं जैसी व्यावसायिक सेवाएं सरकारी पहलों द्वारा प्रस्तुत अवसरों का लाभ उठाने से लाभान्वित होती हैं।
इसके आगे विशेषज्ञ ने कहा कि भारतीय निर्यातकों द्वारा निर्यात स्थलों के विविधीकरण से पारंपरिक बाजारों पर निर्भरता कम करने और क्षेत्र के लिए नए अवसर खोलने में मदद मिल सकती है।भारत का सेवा निर्यात ऐतिहासिक रूप से उत्तरी अमेरिका और यूरोप में केंद्रित रहा है, लेकिन एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे उभरते बाजारों में भी वृद्धि की महत्वपूर्ण संभावनाएं हैं।