अगर अभी शेयर बाजार की स्थिति की बात करें तो पिछले एक महीने से बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। भारतीय शेयर बाजार के दोनों मुख्य सूचकांक अपने उच्चतम स्तर से गिरकर निचले स्तर पर पहुंच गए। ऐसे में निवेशकों के करीब 20 से 30 लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
निवेशकों को यूएस इलेक्शन (US Election) के बाद बाजार में बढ़त आने की उम्मीद थी पर ऐसा हुआ नहीं । अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को जीत हासिल हुई और यूएस फेडरल रिजर्व (US Fedral Reserve) ने एक बार फिर से ब्याज दर में कटौती करने का फैसला लिया। इन दोनों मुख्य घटना के बाद भी बाजार में गिरावट जारी रही।
शेयर बाजार में आई इस गिरावट के दौर पर ब्रेक कब लगेगा इसकी तो जानकारी नहीं है पर इस गिरावट भर सत्र में निवेशकों को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि शेयर बाजार में जब भी गिरावट आए तो आपको भूल कर भी गलतियां नहीं करनी चाहिए।
सही रणनीतियों का करें पालन
शेयर बाजार में जब भी मंदी आए तो ऐसे में सही रणनीति का अपनाना जरूरी है। बता दें कि बाजार में मंदी एक तरह का चक्र है। इसके टाला नहीं जा सकता है, बल्कि इस समय सही रणनीति को अपनाना बेहद जरूरी है। अगर आप सही रणनीति अपनाते हैं तो आप एक हद तक नुकसान से बच सकते हैं।
क्या रणनीति अपनाएं
मंदी के बाजार यानी जब स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट आए तो उस समय आपको अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए ट्रेडिंग रणनीतियों को अपनाना चाहिए। हम आपको इन रणनीतियों के बारे में नीचे बता रहे हैं-
निवेश को करें पुनर्गठित
कोई भी स्थिति एक जैसी नहीं रहती है। अगर शेयर बाजार में आज भारी गिरावट आई है तो भविष्य में एक समय आएगा जब बाजार अपने उच्चतम स्तर पर होगा। अगर आप बिकवाली भरे कारोबार में शेयर को बेच देते हैं तो भविष्य में बाजार में तेजी से होने वाले लाभ से चूक सकते हैं। बाजार में गिरावट के समय आप निवेश का पुनगर्ठन करके खुद को नुकसान से बचा सकते हैं।
निवेश का पुनर्गठन करने के लिए आपको सरकारी बॉन्ड (Government Bond) या फिर शॉर्ट सेलिंग करके बैलेंस कर सकते हैं। इसके अलावा आपको निवेश के लक्ष्यों (अल्पकालिक और दीर्घकालिक) को अलग करके ही निवेश करना चाहिए।
रक्षात्मक रणनीति
आप अगर बड़ी कंपनियों में निवेश करते हैं तो आप निवेश राशि को सुरक्षित रख सकते हैं। दरअसल, बड़ी कंपनियों में लंबे समय तक गिरावट नहीं रहती है और जब बाजार में तेजी आती है तो वह अपने स्तर पर वापस आ जाते हैं। वहीं छोटी कंपनियों में गिरती कीमतों को बनाए रखने में मुश्किल होती है और साथ ही कई बार इसमें लंबे समय के बाद तेजी आती है।
मार्केट एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि हमें जरूरतों का उत्पादन करने वाली कंपनी जैसे- फार्मा और फूड इंडस्ट्री आदि में निवेश करना चाहिए। यह सेक्टर मंदी के समय में अपना व्यवसाय जारी रखते हैं।
बियर मार्केट ट्रेडिंग रणनीति
अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं तब आपको बियर मार्केट ट्रेडिंग रणनीतियों को अपनाना चाहिए। इसमें आप निवेश की गई राशि का औसत निकालते हैं।इसे ऐसे समझिए कि आपने किसी कंपनी में 100 शेयर 1000 रुपये में खरीदें और बिकवाली भरे कारोबार के बीच अब आप 700 रुपये में 100 शेयर खरीद सकते हैं। इस स्थिति में आप डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग तरीके का इस्तेमाल करें। इसके जरिये अगर आप निवेश का औसत लगाते हैं तो आप पाएंगे कि आपने 850 रुपये के औसत से 1000 शेयर खरीदें हैं। अगर आप लंबे समय तक निवेश करते हैं तब यह रणनीति काफी सही है।
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पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड
हमें कभी भी किसी एक सेक्टर में निवेश नहीं करना चाहिए। हम अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड बनाते हैं उतना खुद को नुकसान होने से बचाते हैं। इसे ऐसे समझिए कि अगर आप एक सेक्टर में निवेश करते हैं और वह सेक्टर में गिरावट आती है तो आपको नुकसान होगा। वहीं अगर आप कई सेक्टर में निवेश करते हैं तो उम्मीद रहती है कि किसी एक सेक्टर से आपको लाभ होगा। वहीं, बिकवाली भरे बाजार में बॉन्ड निवेश के लिए काफी अच्छा ऑप्शन रहता है।
समझदारी से करें निवेश
बिकवाली भरे कारोबार में आप स्टॉक खरीदने की रणनीति अपना रहे हैं तो आपक स्टॉक सेलेक्शन काफी सावधानी से करना चाहिए। एक्सपर्ट के अनुसार बिकवाली वाले कारोबार में फार्मा, पेट्रोलियम, कृषि सेक्टर आदि के स्टॉक खरीदने चाहिए। इसके अलावा आपको उन शेयरों के बारे में रिसर्च करना चाहिए जिन्होंने पिछले मंदी के समय अच्छा परफॉर्मेंस किया था।यह भी पढ़ें:
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