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Share Market Crash: क्यों क्रैश हुआ भारत का शेयर बाजार, पांच प्वाइंट में समझिए पूरी बात

Why Share Market Crashed भारतीय शेयर मार्केट में सोमवार (4 नवंबर 2024) को भारी गिरावट दिखी। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों करीब 2 फीसदी गिर गए। इससे निवेशकों के करीब 8 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। रिलायंस और ONGC जैसी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है। आइए पांच प्वाइंट में समझते हैं कि भारतीय शेयर बाजार में इस भारी गिरावट की वजह क्या है।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 04 Nov 2024 02:30 PM (IST)
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अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में दीवाली की छुट्टी के बाद सोमवार को भारी गिरावट दिखी। दोनों प्रमुख सूचकांक- सेंसेक्स और निफ्टी शुरुआती कारोबार में ही डेढ़ फीसदी (Share Market Crash) से अधिक गिर गए। सभी सेक्टर के शेयरों में बड़ी गिरावट दिखी। सबसे बड़ा झटका अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज को लगा। यह शुरुआती कारोबार में करीब 4 फीसदी तक गिर गया था। आइए जानते हैं कि शेयर मार्केट में इस भारी गिरावट की क्या वजह है।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता

अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इस बार कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है। दोनों के आर्थिक और भू-राजनीतिक नजरिए और नीतियों में काफी ज्यादा फर्क है। यही वजह है कि निवेशक चुनाव नतीजे से पहले काफी सतर्क रुख अपना रहे हैं और उनका जोर बिकवाली पर है।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दरों पर फैसला

अमेरिका के केंद्रीय बैंक- फेडरल रिजर्व की 7 नवंबर को मीटिंग होने वाली है। इसमें ब्याज दरों पर फैसला लिया जाएगा। पिछले कुछ समय में अमेरिका के इकोनॉमिक इंडिकेटर ने बेहतर संकेत दिया है। इससे ब्याज दरों में किसी बड़ी कटौती की उम्मीद कम हुई है। इससे भी भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता का माहौल बढ़ा है, क्योंकि कई कंपनियों का अमेरिका में बड़ा कारोबार है।

कच्चे तेल (Crude Oil) की बढ़ती कीमतों का असर

ओपेक+ ने रविवार को एलान किया कि वह कमजोर मांग और समूह के बाहर बढ़ती सप्लाई के चलते उत्पादन में अभी बढ़ोतरी नहीं करेगा। पहले ओपेक+ का इरादा दिसंबर में उत्पादन बढ़ाने का था। इससे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा गया। यही वजह है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन ऑयल और ONGC जैसी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है।

वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजे

वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी दूसरी तिमाही में कई बड़ी कंपनियों के वित्तीय नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। बजाज ऑटो, कोटक महिंद्रा बैंक, आरबीएल बैंक और इंडसइंड बैंक इसकी मिसाल हैं। कमजोर नतीजों के चलते भी निवेशकों का मनोबल कमजोर हुआ और वे इस वक्त बड़ा दांव लगाने से बच रहे हैं।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली का सिलसिला जारी

फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय बाजार से 94,000 करोड़ रुपये (करीब 11.2 अरब डॉलर) की भारी निकासी की। यह निकासी के मामले में अब तक का सबसे खराब महीना बन गया। यह सिलसिला नवंबर में भी जारी है। विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार के ऊंचे मूल्यांकन के कारण बिकवाली करके चाइनीज मार्केट का रुख कर रहे हैं।

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