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Stock Market में निवेश का बना रहे हैं प्लान? हो न जाए आपका नुकसान, ब्रोकर कभी नहीं बताते ये जरूरी बातें

Investment In Stock Market आज के समय में हर कोई स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहता है लेकिन जोखिम के डर से निवेश नहीं करते हैं। आइए जानते हैं कि स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले हमें किन प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Tue, 30 May 2023 11:55 AM (IST)
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Stock Market में निवेश का बना रहे हैं प्लान, ब्रोकर छुपा ले जाते हैं आपस से ये जरूरी बातें
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Share Market: भारतीय शेयर बाजार दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वालों बाजारों में से एक है। शेयर बाजार में निवेशकों को अवसर और जाखिम दोनों का सामना करना पड़ता है। यहां निवेश के कई ऑप्शन की पेशकश की जाती है। भारतीय शेयर बाजार में मध्यम वर्ग और बढ़ती निवेशक जागरूकता के साथ ही दीर्घकालिक विकास की भी क्षमता है।

हालांकि, यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि शेयर बाजार स्वाभाविक रूप से अस्थिर है। इसमें उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। ऐसे में निवेशकों को धैर्य रखना बहुत जरूरी होता है। शयेर बाजार के कई पहलू हैं, जिन पर कोई विशेषज्ञ ही सलाह दे सकता है। एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद आप आप भारतीय शेयर बाजार के कई जोखिम से बच सकते हैं।

कई बार स्टॉक ब्रोकर निवेशकों को हर नियम और शर्तें के बारे में नहीं बताते हैं, ऐसे में आपको निवेश करने से पहले बाजार और उन शेयरों की पूरी समझ होना बेहद जरूरी है।

हम आपको शेयर बाजार के संबंध में कुछ प्रमुख बातें बताते हैं, जिसके बारे में आपका ब्रोकर आसानी से साझा नहीं करते हैं:

  • ब्रोकर के पास कुछ शेयरों या निवेश उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए इनेसेंटिव मिलते हैं, जैसे कमीशन या बोनस आदि। ऐसे में हो सकता है कि वो हमेशा आपके इन्टरेस्ट को प्राथमिकता न दें।
  • ब्रोकर को सभी तरह की फीस या चार्जिस की जानकारी देना जरूरी होता है, लेकिन कई बार लेन-देन या निवेश उत्पादों से जुड़ी अतिरिक्त छिपी हुई लागत हो सकती हैं। ये शुल्क समय के साथ आपके रिटर्न को भी कम कर सकता है, ऐसे में आपको इस तरह के चार्जिस या फीस की जानकारी रखनी चाहिए।
  • ब्रोकर अक्सर लोकप्रिय शेयरों पर रिसर्च रिपोर्ट देते हैं। लेकिन वे छोटी कंपनियों या उभरते उद्योगों के शेयरों के बारे में नहीं बताते हैं। ऐसे में आपको खुद रिसर्च करने या अतिरिक्त संसाधनों की तलाश करने की आवश्यकता होती है।
  • शेयर बाजार में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, जो कि इन्वेस्टर के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है। ब्रोकर इस पर पर्याप्त जोर नहीं दे सकते हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव के आधार पर स्टॉक खरीदने या बेचने की कोशिश में इसका परिणाम खराब हो सकते हैं। जो कि आपके दीर्घकालिक रणनीतियों को भी प्रभावित करते हैं।
  • बाजर में बार-बार ट्रेडिंग पर आपको ब्रोकर को कमीशन देना होता है। यह आपके हित में नहीं हो सकता है। कई बार ब्रोकर आपके शेयर पर लगने वाले टैक्स की भी जानकारी नहीं देता है। ऐसे में आपको ये नहीं पता चल पाएगा कि आपको कितना नुकासान और कितना मुनाफा हुआ और ये आपको रिटर्न को भी प्रभावित करेगा।
  • ब्रोकर मुख्य रूप से स्टॉक और बॉन्ड पर ध्यान देता है, लेकिन वे रियल एस्टेट, कमोडिटीज या क्रिप्टोकरेंसी जैसे वैकल्पिक इंवेस्टमेंट पर व्यापक मार्गदर्शन नहीं दे सकते हैं। इसलिए आपको इन विकल्पों के बारे में बी पूरी जानकारी रखनी चाहिए।
  • ब्रोकर के जरिये आपको बाजार के कई महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में पता चलता है। लेकिन आपको अपने निवेश निर्णयों में भी सक्रिय रहना चाहिए।