Share Transfer Rule: दादा के खरीदे शेयर पर क्या पोते का होता है अधिकार, यहां जानें क्या कहता है नियम
दादा की प्रॉपर्टी पर बेटे का तो अधिकार होता ही पर उसके साथ ही पोते का भी अधिकार होता है। लेकिन कई बार सवाल आता है कि क्या दादा के खरीदे शेयर पर पोते का अधिकार होता है। शेयर बाजार में इसको लेकर क्या नियम है। अगर आपके दादा जी ने शेयर खरीदा है तो उसे ट्रांसफर करने का प्रोसेस क्या है?
क्या शेयर ट्रांसफर हो सकते हैं?
जिस व्यक्ति ने शेयर खरीदा अगर उसकी मृत्यु हो जाती है तब सिक्योरिटीज यानी शेयर को ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके लिए कानूनी वारिसों को जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) से संपर्क करना होगा।अगर शेयर फिजिकल फॉर्म में है तब उस कंपनी से संपर्क करना होगा जिसके शेयर्स हैं। यदि शेयरहोल्डर ने नॉमिनी का नाम दिया है तब शेयर ट्रांसफर करने का प्रोसेस काफी आसान हो जाएगा। शेयर ट्रांसफर के लिए नॉमिनी को ट्रांसमिशन फॉर्म और डेथ सर्टिफिकेट की एक नोटराइज्ड कॉपी सबमिट करनी होगी। यह कॉपी गजटेड ऑफिसर या नोटरी पब्लिक से अटेस्ट होना चाहिए।डीपी के ऑफिस या फिर वेबसाइट से नॉमिनी को ट्रांसमिशन फॉर्म डाउनलोड करना होगा। फॉर्म भरकर और डॉक्यूमेंट अटैच करके इसे जमा करना है, फॉर्म को वेरिफाई किया जाएगा। अगर फॉर्म सही होता है तो नॉमिनी के डीमैट अकाउंट में शेयर को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।सीएनआई रिसर्च लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किशोर ओस्तवाल के अनुसार
इसके आगे वह कहते हैं कि मृत्यु के बाद पोते को शेयर हस्तांतरित करने की एकमात्र संभावना उचित वसीयत है। वैकल्पिक रूप से वह जीवित रहने पर इन शेयरों को सीधे अपने पोते को उपहार में दे सकता है और शेयरों को बाजार से पोते के खाते में स्थानांतरित किया जा सकता है। पोते को शेयरों के हस्तांतरण के लिए सेबी अधिनियम के स्टॉक एक्सचेंज में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।मृत्यु की स्थिति में पोते को शेयर हस्तांतरित करने के लिए शेयर बाजार में कोई नियम नहीं है। हमें देश के कानून के अनुसार चलना होगा। यदि कोई व्यक्ति अपने डी मैट में बिना वसीयत किए शेयर छोड़कर मर जाता है तो उसके कानूनी नामांकितों का दावा बराबर का होता है। हालाँकि यदि उसके पास एक नामांकित व्यक्ति पंजीकृत है तो नामांकित व्यक्ति मृत्यु के बाद उसके डी मैट खाते को संचालित कर सकता है, हालांकि वह कानूनी मालिक भी नहीं बनता है। आम तौर पर कानूनी नामांकितों को एक से अधिक होने पर अदालत से डिक्री लेने की आवश्यकता होती है या नो क्लेम एफ़्रिकेटिव लेना होगा।