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Share Market में इस साल हुई थी सबसे बड़ी गिरावट, जानिए कब-कब शेयर मार्केट हुआ क्रैश

Stock Market Crash शेयर बाजार में निवेश करके आप अच्छे रिटर्न कमा सकते हैं। लेकिन यह काफी जोखिम भरा होता है। इस वजह से एक्सपर्ट कहते हैं कि आपको सोच समझ कर ही इसमें निवेश करना चाहिए। कई बार शेयर मार्केट में भारी गिरावट होती है। इस वजह से निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ता है। जानिए अभी तक कब-कब शेयर मार्केट में भारी गिरावट हुई है। (जागरण ग्राफिक्स)

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Mon, 30 Oct 2023 10:40 AM (IST)
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Share Market में इस साल हुई थी सबसे बड़ी गिरावट
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर मार्केट में निवेश करके कई लोग राजा बन जाते हैं तो कई राजा से रंक बन जाते हैं। इस वजह से इसे जोखिम भरा कहा जाता है। जब भी ग्लोबल मार्केट या फिर दुनिया में कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर वर्तमान में मध्य देशों में चल रहे संघर्ष और तनाव ने शेयर बाजार को गिरावट की ओर रुख किया है।

पिछले कुछ कारोबारी सत्र से शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है। यह गिरावट मध्य देशों में चल रहे तनाव और कंपनियों द्वारा जारी तिमाही नतीजों का असर है। इसी तरह अतीत में कई बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। जब भी शेयर बाजार में भारी गिरावट होता है तो उसे शेयर मार्केट क्रैश (Share Market Crash) कहा जाता है।

आज हम आपको बताते हैं कि अभी तक शेयर बाजार में कब-कब भारी गिरावट आई है और यह गिरावट किस वजह से यह गिरावट आई है।

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1907 में हुई थी गिरावट

1907 में शेयर बाजार में जह गिरावट आई थी इसे बैंकर्स पैनिक (1907 Bankers’ Panic) के नाम से जानता है। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) में नाइकरबॉकर ट्रस्ट कंपनी (Knickerbocker Trust Company) के शेयरों की कीमतों में हेरफेर के बाद करीब 50 फीसदी की गिरावट आई थी। इस गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार में भी भारी गिरावट आई। इस गिरावट ने शेयर बाजार में एक डर का माहौल बना दिया था।

वॉल स्ट्रीट क्रैश

1929 के अंत और 1930 की शुरुआत में शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी। इस वर्ष से पहले लगभग 20 साल तक शेयर बाजार तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। लेकिन  25 अक्टूबर 1929 को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones Industrial Average) के स्टॉक में  12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

इस समय द्वितीय विश्व युद्ध की वजह से दुनिया में पूंजीवादी आर्थिक व्यवस्था (Capitalist Economic Systems) का भी डर छाया था। अमेरिका के वॉल स्ट्रीट (Wall Street) क्रैश ने दुनिया के बाकी शेयर बाजार को भी प्रभावित किया है।

काला सोमवार

डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones Industrial Average) के शेयर जब 22 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई थी तो इसने शेयर बाजार बुरी तरह से प्रभावित किया था। इसकी वजह से एक दिन में शेयर बाजार 500 से ज्यादा अंक गिरे थे। इस भारी गिरावट को ब्लैक मन्डे अथवा काला सोमवार से जाना जाता है।

वैश्विक वित्तीय संकट

वर्ष 2007 में वैश्विक वित्तीय संकट ने शेयर बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस संकट ने शेयर बाजार में एक भूचाल ले आया था। इसका असर पूरी दुनिया के पर देखने को मिला है पर सबसे ज्यादा गिरावट अमेरिकी बाजार में हुई थी।

कोरोना वायरस संकट

दुनिया भर में कोरोनावायरस का प्रभाव हर सेक्टर पर पड़ा है। दुनियाभर के शेयर बाजार में 2020 में सबसे बड़ी गिरावट आई थी। इस महामारी ने ग्लोबल मार्केट में तनाव पैदा कर दिया था।

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भारतीय शेयर बाजार में कब आई भारी गिरावट

भारतीय शेयर बाजार में भी कई बार भारी गिरावट देखने को मिली है। अगर हम बते 12 साल की बात करें तो इसमें लगभग 5 बार भारी गिरावट आई है। आइए, जानते हैं कि पिछले 12 साल में कब-कब शेयर मार्केट धड़ाम करके गिरा है।

  • 21 जनवरी 2008 में शेयर बाजार में भी तेजी से गिरावट देखने को मिली थी। इस दिन सेंसेक्स 1408 अंक तक गिर गया था। इस गिरावट की वजह वैश्विक मंदी है।
  • 24 अक्टूबर 2008 में निवेशकों को सबसे ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा। इस साल जनवरी में हुई वैश्विक मंदी में सुधार के बाद फिर से अक्टूबर में अमेरिकी बैंकों के शेयरों में गिरावट आई थी। इस गिरावट का असर शेयर मार्केट में पड़ा और 24 अक्टूबर 2008 को एक दिन में स्टॉक एक्सचेंज में 1070 अंकों की गिरावट देखने को मिली है।
  • वर्ष 24 अक्टूबर 2015 में एक दिन में ही सेंसेक्स 1624 अंक गिर गया था। यह अभी तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इस गिरावट की वजह है कि वैश्विक बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया में तेजी से गिरावट दर्ज हुई थी।
  • सरकार द्वारा जारी आम बजट की वजह से 1 फरवरी 2020 को सेंसेक्स में 987 अंक की गिरावट देखने को मिली थी। यह गिरावट भी एक बड़ी गिरावट में से एक था।  
  • 28 फरवरी 2020 को शेयर बाजार को गिरावट का सामना करना पड़ा। इसकी वजह वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी के बढ़ने की आशंका थी। इस दिन सेंसेक्स 1448 अंक गिरा था।