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NSE की कंपनियों में नए स्तर पर म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी, यहां जानें डिटेल

प्राइम इन्फोबेस के डाटा के अनुसार एनएसई में लिस्टेड कंपनियों में घरेलू म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 31 दिसंबर 2023 को समाप्त तिमाही में 8.81 प्रतिशत के साथ सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है।30 सितंबर 2023 में इन कंपनियों में घरेलू म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 8.73 प्रतिशत थी। बीमा कंपनियों ने 5622 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। इसमें एलआइसी का बड़ा हिस्सा रहा है।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Wed, 07 Feb 2024 08:30 PM (IST)
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NSE की कंपनियों में नए स्तर पर म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी
आईएएनएस, नई दिल्ली। एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में घरेलू म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 31 दिसंबर 2023 को समाप्त तिमाही में 8.81 प्रतिशत के साथ सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है। प्राइम इन्फोबेस के डाटा के अनुसार, 30 सितंबर 2023 में इन कंपनियों में घरेलू म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 8.73 प्रतिशत थी। बीती तिमाही के दौरान म्यूचुअल फंड्स ने एनएसई की कंपनियों मे 58,198 करोड़ रुपये का मजबूत निवेश किया है।

एलआईसी की घटी निवेश हिस्सेदारी

डाटा के अनुसार, 31 दिसंबर 2023 को समाप्त तिमाही में एलआईसी की निवेश हिस्सेदारी घटकर 3.64 प्रतिशत रही है। यह इसका सर्वकालिक निचला स्तर है। 30 सितंबर 2023 को समाप्त तिमाही में एलआइसी की निवेश हिस्सेदारी 3.73 प्रतिशत थी।

एलआईसी देश की सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक है। प्राइम डाटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया का कहना है कि मुनाफावसूली के चलते बीती तिमाही में बीमा कंपनियों ने 5,622 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। इसमें एलआइसी का बड़ा हिस्सा रहा है।

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सरकार की हिस्सेदारी बढ़कर 9.38 प्रतिशत

बीती तिमाही में प्रमोटर के तौर पर सरकार की हिस्सेदारी बढ़कर 9.38 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो छह वर्षों का उच्च स्तर है। इस दौरान बीएसई पीएसयू इंडेक्स में 23 प्रतिशत की वृद्धि रही है, जबकि सेंसेक्स 10 प्रतिशत बढ़ा है।

दूसरी ओर, निजी प्रमोटरों की हिस्सेदारी बीती तिमाही के अंत में पांच वर्ष के निचले स्तर 41.31 प्रतिशत पर रही है। बीते एक वर्ष के दौरान निजी प्रमोटरों की हिस्सेदारी में 3.3 प्रतिशत की कमी आई है। बीती तिमाही में 13 कंपनियां ऐसी रही हैं जिनमें प्रमोटर, विदेशी संस्थागत निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है।

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