शेयरहोल्डर्स ने BYJU'S के फाउंडर पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- कंपनी ने हमसे कई चीजों को छिपाया
BYJUS के प्रमुख निवेशकों ने BYJUS के फाउंडर बायजू रविंद्रन की अगुआई वाले तीन सदस्यीय बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए हैं। निवेशकों का आरोप है कि कंपनी 20 करोड़ डॉलर का राइट्स इश्यू लाने के लिए जिस प्रोसेस को अपनाया वह कानून का पूरी तरह से उल्लंघन है। उन्होंने दलील दी कि राइट्स इश्यू लाने से पहले बोर्ड निदेशकों को EGM बुलानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
आईएएनएस, नई दिल्ली। एजुटेक कंपनी BYJU'S के प्रमुख निवेशकों की याचिका पर मंगलवार को नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (NCLT) में सुनवाई हुई। निवेशकों ने BYJU'S के फाउंडर बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) की अगुआई वाले तीन सदस्यीय बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें रविंद्रन के अलावा उनकी पत्नी और उनके भाई भी शामिल हैं।
निवेशकों का आरोप है कि कंपनी 20 करोड़ डॉलर का राइट्स इश्यू लाने के लिए जिस प्रोसेस को अपनाया, वह कानून का पूरी तरह से उल्लंघन है। उन्होंने दलील दी कि राइट्स इश्यू लाने से पहले बोर्ड निदेशकों को असाधारण आम सभा (EGM) बुलानी चाहिए थी, जहां वे अपना वोट दे सकते थे। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
निवेशकों ने कहा कि अभी कंपनी में हमारी 25.4 फीसदी हिस्सेदारी है। अगर हम राइट्स इश्यू को सब्सक्राइब नहीं करते हैं, तो यह घटकर 2.5 फीसदी पर आ जाएगी। अगर राइट्स इश्यू सब्सक्राइब करते हैं, तो हमें नहीं पता कि हमारे पैसे का क्या होगा। निवेशकों ने दावा किया कि कंपनी के खिलाफ जांच जारी है और उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
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पिछले कुछ दिनों में BYJU'S के भीतर कई निवेशकों और फाउंडर के बीच कई नाटकीय घटनाक्रम हुए। 23 फरवरी को शेयरहोल्डर्स ने रविंद्रन और उनके परिवार को बोर्ड से हटाने के लिए वोट दिया। रविंद्रन और उनके परिवार पर कभी देश की सबसे दमदार टेक स्टार्टअप में शुमार होने वाली BYJU'S को अपने गलत कामकाज से तबाह करने का आरोप भी लगाया गया।
हालांकि, BYJU'S ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि वोटिंग फाउंडरों की गैर-मौजूदगी हुई, इसलिए इसमें लिए गए निर्णय लागू नहीं होंगे। BYJU'S के बोर्ड में फिलहाल तीन ही लोग हैं। रविंद्रन, उनकी पत्नी और उनके भाई। इन तीनों ने 6 निवेशकों द्वारा बुलाई गई EGM से दूरी बनाकर रखी, जिनकी BYJU'S ऐप का मालिकाना हक रखने वाली थिंक एंड लर्न में कुल 32 फीसदी से अधिक स्टेक है।
इस EGM में 60 फीसदी निवेशकों ने सभी सातों प्रस्तावों के पक्ष में अपना वोट दिया। इसमें मौजूदा मैनेजमेंट को हटाने और नए बोर्ड की गठन करने की बात थी। साथ ही, कंपनी द्वारा किए गए सभी अधिग्रहण की एक थर्ड पार्टी से जांच का प्रस्ताव भी था।