डिफेंस सेक्टर के शेयरों ने भरी उड़ान, स्वदेशी रक्षा उत्पादन में वृद्धि का दिख रहा असर
2023-24 में कुल वैल्यू ऑफ प्रोडक्शन (VoP)में से लगभग 79.2 प्रतिशत का योगदान सरकारी रक्षा निर्माण कंपनियों ने दिया है। वहीं प्राइवेट सेक्टर का योगदान 20.8 प्रतिशत रहा। वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा निर्यात 21083 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया। इसमें एक साल पहले के मुकाबले 32.5 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है। उस वक्त यह आंकड़ा 15920 करोड़ रुपये था।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से डिफेंस सेक्टर के स्टॉक्स में जबरदस्त तेजी को देखने को मिल रही है। इस सिलसिले ने शुक्रवार को और भी ज्यादा जोर पकड़ लिया। दरअसल, केंद्र सरकार ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में सालाना रक्षा उत्पादन बढ़कर 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसमें एक साल पहले के मुकाबले 16.7 फीसदी की ग्रोथ हुई है। इस खबर के बाद निवेशकों ने डिफेंस सेक्टर के शेयरों में जमकर खरीदारी की।
दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार की नीतियों का जोर स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना है। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2024 के दौरान भारत ने अपनी सबसे तेज ग्रोथ हासिल की है।
किन शेयरों में आया उछाल
भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) के शेयर में 9.16 फीसदी की तेजी आई। मझगांव डॉक में 1.21 फीसदी का उछाल दिखा। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) में 2.80 फीसदी और कोचीन शिपयार्ड में 5.41 प्रतिशत की तेजी नजर आई। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में 0.56 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।
सरकारी कंपनियों का योगदान ज्यादा
2023-24 में कुल वैल्यू ऑफ प्रोडक्शन (VoP)में से लगभग 79.2 प्रतिशत का योगदान सरकारी रक्षा निर्माण कंपनियों ने दिया है। वहीं, प्राइवेट सेक्टर का योगदान 20.8 प्रतिशत रहा। वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया। इसमें एक साल पहले के मुकाबले 32.5 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है। उस वक्त यह आंकड़ा 15,920 करोड़ रुपये था। पिछले पांच वर्षों में (2019-20 से) रक्षा उत्पादन का मूल्य लगातार बढ़ रहा है और 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
बढ़ने वाला है डिफेंस सेक्टर का साइज
अगले 10 वर्षों के दौरान भारत के रक्षा क्षेत्र बाजार का आकार 138 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। रेटिंग एजेंसी नोमुरा का कहना है कि रक्षा उपकरणों प्रौद्योगिकियों और सेवाओं की बढ़ती मांग से इस क्षेत्र के बाजार को बढ़ने में मदद मिलेगी।