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IFCI के शेयरों में लगा 20 फीसदी का अपर सर्किट, एक साल में मल्टीबैगर रिटर्न दे चुकी है सरकारी कंपनी

IFCI एक सरकारी NBFC है। इसकी नींव 1948 में रखी गई थी खासतौर पर औद्योगिक परियोजनाओं को लंबी अवधि की वित्तीय सहायता देने के लिए। बुधवार (24 जुलाई) को भी IFCI के स्टॉक्स 20 फीसदी के अपर सर्किट के साथ 83.95 रुपये के स्तर पर बंद हुए। आइए जानते हैं कि यह कंपनी क्या कारोबार करती है और इसके शेयरों में तेजी की वजह क्या है?

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Wed, 24 Jul 2024 05:50 PM (IST)
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IFCI लगातार पांच साल के घाटे के बाद पिछले वित्त वर्ष में मुनाफे में आई।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार अभी बजट में कैपिटल गेन पर बढ़े टैक्स के झटके से नहीं उबरा है। सेसेंक्स और निफ्टी लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। पूरे दिन के कारोबार में भारी-उतार लगा रहा। एक वक्त तो सेंसेक्स करीब 700 अंकों तक लुढ़क गया था।

लेकिन, इस गिरावट के बावजूद कुछ कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी दिखी। इनमें से एक है, सरकारी क्षेत्र की IFCI। बुधवार (24 जुलाई) को भी IFCI के स्टॉक्स 20 फीसदी के अपर सर्किट के साथ 83.95 रुपये के स्तर पर बंद हुए। आइए जानते हैं कि यह कंपनी क्या कारोबार करती है और इसके शेयरों में तेजी की वजह क्या है?

क्या करती है IFCI?

IFCI एक सरकारी NBFC है। इसकी नींव 1948 में रखी गई थी, खासतौर पर औद्योगिक परियोजनाओं को लंबी अवधि की वित्तीय सहायता देने के लिए। इसे पहले इंडियन इंडस्ट्रियल फाइनेंस कॉर्पोरेशन भी कहा जाता था। IFCI अब एयरपोर्ट, सड़क, दूरसंचार, बिजली, रियल एस्टेट, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र से जुड़े प्रोजेक्ट को कर्ज उपलब्ध कराती है। सरकार भी इन क्षेत्रों पर फोकस बढ़ा रही है, जिसकी वजह से निवेशक IFCI पर बड़ा दांव लगा रहे हैं।

कितना मिला रिटर्न?

IFCI के शेयर ने पिछले एक महीने में निवेशकों को करीब 38 फीसदी का रिटर्न दिया है। पिछले 6 महीने की बात करें, तो निवेशकों को 75 फीसदी का मुनाफा हुआ है। एक साल में तो IFCI ने 558.43 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। इस स्टॉक में भी बजट के दिन गिरावट आई थी, लेकिन यह उस झटके से काफी तेजी से उबर गई है।

IFCI का वित्तीय प्रदर्शन

IFCI का वित्त वर्ष 2023-24 में एक तरह से कायाकल्प हुआ। इसकी शुद्ध बिक्री एक साल पहले के मुकाबले 17.2 प्रतिशत बढ़कर 1,986.58 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी को 241.05 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। इससे पहले कंपनी लगातार पांच साल से घाटा दर्ज कर रही थी। इससे कंपनी की वित्तीय सेहत में सुधार का बड़ा संकेत मिलता है।

(यह आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। कोई भी निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें)