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भारतीय कंपनियों के शेयर अब सीधे Foreign Stock Exchange में हो सकेंगे लिस्ट, स्टार्टअप को होगा फायदा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि भारतीय कंपनियों के शेयर अब सीधे विदेशी स्टॉक एक्सचेंजों और अहमदाबाद में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में सूचीबद्ध किए जा सकते हैं। यह फैसला घरेलू कंपनियों को विभिन्न विदेशी स्टॉक एक्सचेंजों पर अपने शेयरों को सूचीबद्ध करके विदेशी वित्त तक पहुंचने की अनुमति देता है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Fri, 28 Jul 2023 05:35 PM (IST)
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Shares of Indian companies can now be directly listed on Foreign Stock Exchange, Startups will benefit
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि भारतीय कंपनियों के शेयर अब सीधे विदेशी स्टॉक एक्सचेंजों और अहमदाबाद में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) पर लिस्ट हो पाएंगें।

तीन साल के बाद मिली मंजूरी

यह मंजूरी कोविड राहत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषणा के तीन साल बाद दी गई है। इस मंजूरी से घरेलू कंपनियों को विभिन्न विदेशी एक्सचेंजों पर अपने शेयरों को सूचीबद्ध करके विदेशी फंड तक पहुंचने की अनुमति मिल जाएगी।

आपको बता दें कि यह प्रस्ताव पहली बार महामारी के दौरान तरलता पैकेज के हिस्से के रूप में मई 2020 में हुआ था।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि

घरेलू कंपनियों द्वारा प्रतिभूतियों की प्रत्यक्ष लिस्टिंग अब विदेशी न्यायक्षेत्रों में स्वीकार्य होगी। मुझे यह घोषणा करते हुए भी खुशी हो रही है कि सरकार ने आईएफएससी एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की सीधी लिस्टिंग को सक्षम करने का निर्णय लिया है।

विदेशी लिस्टिंग के नियम कुछ हफ्तों में होंगे जारी

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारतीय कंपनियों की सीधे विदेशी लिस्टिंग के नियम कुछ हफ्तों में अधिसूचित किए जाएंगे।

अधिकारी ने कहा, शुरुआत में, भारतीय कंपनियों को आईएफएससी पर सूचीबद्ध होने की अनुमति दी जाएगी, और बाद में, उन्हें निर्दिष्ट सात या आठ विदेशी न्यायक्षेत्रों में अनुमति दी जाएगी।

डेट फंड के लिए बेलआउट सुविधा

सीतारमण ने कहा कि घरेलू कंपनियों की प्रत्यक्ष विदेशी लिस्टिंग डेट फंडों के लिए एक बेलआउट सुविधा है। यह सुविधा लोन बाजारों में तनाव की अवधि के दौरान निर्दिष्ट लोन निधियों के लिए बैकस्टॉप सुविधा के रूप में कार्य करेगी जिसकी घोषणा सेबी ने पिछले महीने की थी।

लोन बाजारों में म्यूचुअल फंड और निवेशकों के विश्वास को करेगा मजबूत

यह कदम कॉर्पोरेट लोन बाजारों में म्यूचुअल फंड और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने के साथ-साथ कॉर्पोरेट लोन प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार की तरलता में सुधार लाने के लिए है।

इनको होगा फायदा

नई नीति 1 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक मूल्य वाले यूनिकॉर्न या स्टार्टअप के लिए एक फायदेमेंद हो सकती है, और समूह रिलायंस की डिजिटल इकाई, जो केकेआर, गूगल और फेसबुक जैसे निवेशकों से 20 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक जुटाने के बाद अमेरिकी लिस्टिंग पर नजर गड़ाए हुए है।

इससे पहले, मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि सरकार शुरुआत में ब्रिटेन, कनाडा, स्विट्जरलैंड और अमेरिका सहित सात देशों में विदेशी लिस्टिंग की अनुमति देने पर विचार कर रही है।