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Flight Ticket Price: भारत में क्यों तेजी से बढ़ रहे हैं हवाई किराए? क्या है यात्रियों पर बढ़ते बोझ की वजह

भारत में इन दिनों हवाई किराए आसमान छू रहे हैं। सरकार भी इसे लेकर कदम उठा रही है और एयरलाइन कंपनियों को हवाई किराए एक सीमा में रखने के लिए कह चुकी है। इस रिपोर्ट में जानेंगे कि क्यों भारत में हवाई किराए में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Wed, 14 Jun 2023 10:30 AM (IST)
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भारत में हवाई किराए में 41 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। (जागरण ग्राफिक्स)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत में हाल के दिनों में हवाई किराए में एशिया और मध्य पूर्व के देशों की अपेक्षा अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके कारण यात्रियों को हवाई यात्रा करने के लिए पहले के मुकाबले अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है।

एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एटीआई एशिया- पैसेफिक) के मुताबिक, भारत में हवाई किराए में 41 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है, जबकि यूएई में 34 प्रतिशत, सिंगापुर में 30 प्रतिशत और अस्ट्रेलिया में 23 प्रतिशत का इजाफा हवाई किराए में देखने को मिला है।

केंद्र सरकार नें बढ़े हुए हवाई किराए को लेकर क्या कहा?

केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि कुछ चुनिंदा मार्गों पर हवाई किराए में बढ़ोतरी देखने को मिली है। सरकार द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद किराए में 60 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि एयरलाइंस को टिकट की कीमतें एक निश्चित सीमा के भीतर रखने को कह दिया गया है।

दिल्ली से प्रमुख शहरों के लिए हवाई किराया (2 से 8 जून)

  • दिल्ली-बेंगलुरु: 33,747 रुपये
  • दिल्ली-मुंबई: 30,726 रुपये
  • दिल्ली- लेह: 13,090 रुपये
  • दिल्ली-पुणे: 27,710 रुपये
  • दिल्ली-श्रीनगर: 18,996 रुपये (सोर्स- क्लियरट्रिप)

कैसे तय होते हैं हवाई किराए?

हवाई किराए तय करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। इसमें डायनेमिक प्राइसिंग चलती है, जो कि बाजार की परिस्थितियों पर निर्भर करती है। जब भी मांग अधिक होती है तो कीमतें ऊपर चली जाती है और जब भी मांग कम होती है तो कीमत भी कम हो जाती है। इसके अलावा हॉलिडे, त्योहार और लंबे वीकेंड के कारण भी कई बार हवाई किरायों में इजाफा हो जाता है।

उदाहरण के लिए अगर आपको सितंबर में हवाई यात्री करनी और उसके लिए अभी से टिकट बुक करते हैं तो आपको कम पैसे चुकाने होंगे। जैसे-जैसे हवाई यात्रा करने की तारीख नजदीक आएगी। हवाई यात्रा की कीमत बढ़ती चली जाएगी।

कौन-तय करता है हवाई किराए?

1994 में एयर कॉरपोरेशन एक्ट को हटाने के बाद हवाई किराए को सरकार की ओर से रेगुलेट नहीं किया जाता है। ये पूरी तरह से एयरलाइन कंपनियों पर निर्भर करता है। डारेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) केवल एविएशन की सुरक्षा को लेकर कार्य करता है। इसका हवाई किराए से कोई लेनादेना नहीं है। बता दें, दुनिया के ज्यादातर देशों में हवाई किराए एयरलाइंस की ओर से ही तय किए जाते हैं।

हवाई किराए में क्यों हुई बढ़ोतरी?

हवाई किराए में तेजी आने के काफी सारे कारण हैं।

  • एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में बढ़ोतरी होना।
  • हवाई यात्रा की मांग का बढ़ना।
  • यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण सप्लाई चेन में प्रभावित होना।
मंत्रालय की ओर से कहा गया कि हवाई किराए पर कोई नियंत्रण कहा गया है। अगर किराए पर प्राइस कैप लागई जाती है तो इससे बाजार प्रतिस्पर्धा के यात्रियों को मिलने वाले सारे फायदे खत्म हो जाएंगे।