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BIS Hallmark वाले शुद्ध सोने की चुटकियों में कर सकते हैं पहचान, 3 साइन का रखें बस ध्यान

सोने की खरीदारी के लिए सोना कितना खरा है यह जानना बेहद जरूरी है। सोने की खरीदारी करने जाते हैं तो इसकी शुद्धता को लेकर हर किसी के मन में तरह-तरह के सवाल आते हैं। हालांकि कहा यही जाता है कि जब भी सोना खरीदें तो ध्यान दें कि सोना बीआईएस हॉलमार्क वाला हो। लेकिन सवाल यह कि हॉलमार्क वाले सोने की पहचान कैसे हो।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Tue, 06 Aug 2024 06:00 PM (IST)
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BIS Hallmark वाले शुद्ध सोने की कैसे करें पहचान

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत में किसी खास अवसर और तीज-त्योहार पर सोना खरीदने का प्रचलन है। शादी-ब्याह की बात आती है तो सोने के जेवरात बनवाए जाते हैं, क्योंकि सोना खरीदना शुभ माना जाता है। गोल्ड ज्वेलरी खरीदने जाते हैं तो मन में यह सवाल जरूर आता है कि क्या हम शुद्ध सोना खरीद रहे हैं। कहीं गली-नुक्कड़ पर बनी गोल्ड ज्वेलरी की दुकान में धोखाधड़ी तो नहीं होगी। क्या बड़े ब्रांड ही शुद्ध सोना उपलब्ध करवाते हैं। ऐसे न जाने कितने ही सवाल हमारे मन में आते हैं। ऐसे ही सभी सवालों का एक जवाब हमें सुनने को मिलता है- वह यह कि जब भी सोना खरीदें तो ध्यान दें कि सोना बीआईएस हॉलमार्क वाला हो। लेकिन सवाल दोबारा यही कि बीआईएस हॉलमार्क वाले शुद्ध सोने की पहचान कैसे की जाए? इस आर्टिकल में आपको शुद्ध सोने की खरीदारी से जुड़े तीन ऐसे साइन के बारे में ही बता रहे हैं, जिन्हें देखकर आप तुरंत सोने की शुद्धता जांच सकते हैं। यह काम जूलरी खरीदने के साथ ही किया जा सकेगा।

ध्यान रखें जब भी सोने की खरीदारी करें यह भारतीय मानक ब्यूरो (The Bureau of Indian Standards) द्वारा हॉलमार्क वाला हो।

भारतीय मानक ब्यूरो के हॉलमार्किंग साइन को आपको गोल्ड आइटम पर देखना होगा। 1 जुलाई, 2021 से सरकार ने गोल्ड जूलरी पर हॉलमार्किंग साइन को रिवाइज किया है। बीआईएस हॉलमार्किंग गोल्ड पर आपको तीन सिंबल देखने होंगे-

BIS हॉलमार्किंग गोल्ड के तीन सिंबल

1. BIS स्टैंडर्ड मार्क

2. प्योरिटी फिटनेस ग्रेड

3. 6 डिजिट वाला अल्फानुमेरिक कोड (HUID Number)

BIS स्टैंडर्ड मार्क

गोल्ड आइटम पर आपको सबसे पहला साइन बीआईएस लोगो खोजना है। यह शेप त्रिभुज/तिकोना/त्रिकोण वाली होगी। गोल्ड ज्लेवरी पर इस लोगो का स्टैंप बताता है कि खरीदी जा रही ज्वेलरी को बीआईएस सर्टिफाइड सेंटर से चेक किया गया है।

प्योरिटी फिटनेस ग्रेड

गोल्ड आइटम की खरीदारी करने पर दूसरा साइन आपको गोल्ड की प्योरिटी का खोजना है। यह साइन गोल्ड प्योरिटी की डिग्री बताएगा।

गोल्ड की कैटेगरी - 14K, 18K, 20K, 22K, 23K and 24K

  • अगर गोल्ड ज्वेलरी पर 22K916 स्टैंप है तो इसका मतलब है कि गोल्ड आइटम जिसे आप खरीद रहे हैं उसमें 91.6% सोना है और 8.4% दूसरे मेटल हैं।
  • अगर गोल्ड ज्वेलरी पर 18K750 स्टैंप है तो इसका मतलब है कि गोल्ड आइटम जिसे आप खरीद रहे हैं उसमें 75% सोना है और 25% दूसरे मेटल हैं।
  • अगर गोल्ड ज्वेलरी पर 14K585 स्टैंप है तो इसका मतलब है कि गोल्ड आइटम जिसे आप खरीद रहे हैं उसमें 58.5% सोना है और 41.5% दूसरे मेटल हैं।
ध्यान दें, भारत में गोल्ड ज्वेलरी शुद्ध सोने यानी 24 कैरेट से नहीं बनती, क्योंकि यह सोना गहने बनवाने के लिए बहुत हल्का होता है। इस सोने में दूसरे मेटल होंगे तभी जूलरी तैयार हो सकेगी।
हीरे की ज्वेलरी में 24K और 22K गोल्ड का इस्तेमाल नहीं होता है, क्योंकि हीरे के साथ 24K और 22K गोल्ड हल्का होता है। इसलिए हीरे की ज्वेलरी के लिए 18K और 14K गोल्ड का इस्तेमाल होता है।

ये भी पढ़ेंः सोने के जेवरात का दाम कैसे कैलकुलेट करता है जौहरी, समझिए फाइनल बिल का पूरा हिसाब

6 डिजिट का अल्फान्यूरिक कोड

गोल्ड जूलरी खरीदने के दौरान आपको गोल्ड आइटम पर तीसरा साइन 6 डिजिट वाला एक कोड खोजना होगा। इस कोड को हॉलमार्क यूनिक आडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) कहते हैं। यह कोड हर जूलरी पीस के लिए अलग और यूनिक होता है। इस अल्फान्यूमेरिक कोड को BIS Care App पर भी वेरिफाई किया जा सकता है।

बता दें, बिल पर 6 डिजिट का अल्फान्यूमेरिक कोड दर्ज किया जाना अनिवार्य नहीं रखा गया है।

BIS हॉलमार्क गोल्ड जूलरी पर चार्ज

BIS हॉलमार्क गोल्ड जूलरी खरीदेंगे तो आपसे इसके लिए एक चार्ज भी लिया जाएगा। आपसे गोल्ड के लिए 45 रुपये पर आइटम के हिसाब से लिया जाएगा। इस चार्ज को गोल्ड की कीमत के साथ जोड़ा जाएगा। यह एक फ्लैट चार्ज होता है। जो गोल्ड के वजन से जुड़ा नहीं होता। बता दें, 4 मार्च 2022 से पहले हॉलमार्किंग चार्ज 35 रुपये पर पीस था।