Retail Inflation: महंगी दाल और सब्जी ने रोकी खुदरा महंगाई की गिरावट, खाद्य वस्तुएं 8.66 प्रतिशत हुईं महंगी
आम जनता को महंगाई के मोर्चे पर मामूली राहत मिली है। फरवरी में रिटेल इंफ्लेशन पर आधारित कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) घटकर 5.09 फीसदी पर आ गया। पिछले महीने यह 5.1 फीसदी पर था। अगर एक साल पहले के आंकड़ों पर नजर डालें तो फरवरी 2023 में रिटेल इंफ्लेशन 6.44 फीसदी पर थी यानी इसमें सालाना आधार पर 1.35 प्रतिशत की कमी आई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सब्जियों की कीमतों में तेजी ने पिछले महीने कुल खुदरा महंगाई में गिरावट को रोक दिया है। यही कारण है कि इस वर्ष फरवरी में खुदरा महंगाई 5.09 प्रतिशत रही है जो इससे पहले यानी जनवरी 2024 में 5.10 प्रतिशत थी। पिछले साल फरवरी में खुदरा महंगाई दर 6.44 प्रतिशत पर थी। आरबीआइ ने खुदरा महंगाई दर को दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत के लक्ष्य पर तय कर रखा है। इससे अधिक महंगाई होने पर उसे असहनीय माना जाता है।
पिछले साल फरवरी के मुकाबले 8.66 फीसदी महंगे हुए खाद्य पदार्थ
फरवरी में दाल और सब्जी के दाम में अधिक तेजी रहने से खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई में पिछले साल फरवरी के मुकाबले 8.66 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जबकि इस साल जनवरी में यह बढ़ोतरी 8.30 प्रतिशत की थी। इस साल फरवरी में दाल की कीमतों में पिछले साल फरवरी की तुलना में 18.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। वहीं, सब्जी के दाम में 30.25 प्रतिशत का इजाफा हुआ। फरवरी में खाद्य तेल व वनस्पति की खुदरा कीमत में 13.97 प्रतिशत तो फ्यूल एवं लाइट में 0.77 प्रतिशत की गिरावट रही।
चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान
पिछले महीने केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष यानी 2023-24 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था और जनवरी-मार्च तिमाही में इसके पांच प्रतिशत रहने की बात कही थी। मंगलवार को सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक गत फरवरी में अनाज की खुदरा कीमतों में 7.60 प्रतिशत, अंडे में 10.69 प्रतिशत, मसाले में 13.51 प्रतिशत, चीनी में 7.48 प्रतिशत, दूध व दुग्ध उत्पाद में 3.86 प्रतिशत तो फल में 4.83 प्रतिशत का इजाफा रहा। कपड़े व फुटवियर की खुदरा महंगाई में 3.14 प्रतिशत, ट्रांसपोर्ट व संचार सेवा में 1.83 प्रतिशत तो स्वास्थ्य में 4.53 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।जनवरी के औद्योगिक उत्पादन में 3.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी
मैन्यूफैक्चरिंग, खनन और बिजली क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण जनवरी, 2024 में भारत की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि धीमी होकर 3.8 प्रतिशत रह गई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) के संदर्भ में मापी गई फैक्ट्री उत्पादन वृद्धि जनवरी, 2023 में 5.8 प्रतिशत थी। दिसंबर, 2023 में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 4.2 प्रतिशत रही जबकि नवंबर, 2023 में यह आंकड़ा 2.4 प्रतिशत थी।
जनवरी में खनन उत्पादन में 5.9 प्रतिशत, बिजली में 5.6 प्रतिशत तो मैन्यूफैक्चरिंग में 3.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। कैपिटल गुड्स के उत्पादन में 4.1 प्रतिशत का इजाफा रहा। मैन्यूफैक्चरिंग और कैपिटल गुड्स के उत्पादन में हो रही लगातार बढ़ोतरी के आगे भी बने रहने की उम्मीद है। जनवरी में प्राइमरी गुड्स के उत्पादन में 2.9 प्रतिशत, इंटरमीडिएट गुड्स में 4.8 प्रतिशत, इन्फ्रास्ट्रक्चर गुड्स में 4.6 प्रतिशत तो कंज्यूमर ड्यूरेबल गुड्स के उत्पादन में 10.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। लेकिन कंज्यूमर नान ड्यूरेबल गुड्स के उत्पादन में पिछले साल जनवरी की तुलना में 0.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।