Sugar Output : अक्टूबर से मार्च के बीच घटा Sugar Production, जानिए क्या है वजह?
मौजूदा सुगर मार्केटिंग ईयर के पहले छह महीने में चीनी के उत्पादन में गिरावट आई है। इस दौरान सुगर प्रोडक्शन 280.79 लाख टन रहा जो एक साल पहले की समान अवधि में 282.60 लाख टन था। सुगर मार्केटिंग ईयर अक्टूबर से सितंबर तक रहता है। आइए जानते हैं कि मौजूदा सुगर मार्केटिंग ईयर की पहली छमाही में चीनी उत्पादन में गिरावट की वजह क्या है?
पीटीआई, नई दिल्ली। पिछले छह महीने के दौरान भारत के शुद्ध चीनी उत्पादन (sugar production) में गिरावट आई है। इंडियन सुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के डेटा के अनुसार, मौजूदा मार्केटिंग ईयर में 15 मार्च तक सुगर प्रोडक्शन 280.79 लाख टन रहा, जो अक्टूबर 2023 से शुरू हुआ है। यह एक साल पहले की समान अवधि में 282.60 लाख टन था। सुगर मार्केटिंग ईयर अक्टूबर से सितंबर तक रहता है।
उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़ा, महाराष्ट्र में घटा
उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन समीक्षाधीन अवधि में 88.40 लाख टन रहा। यह पिछले साल की समान अवधि में 79.63 लाख टन था। वहीं, महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन में मामूली गिरावट आई। यह 101.92 लाख टन से घटकर 100.50 लाख टन पर आ गया। कर्नाटक में भी सुगर प्रोडक्शन 53.50 लाख टन से घटकर 47.55 लाख टन पर आ गया।
चीनी उत्पादन 323 लाख टन रहने का अनुमान
पिछले दिनों में ISMA ने इथेनॉल मैन्युफैक्चरिंग के लिए 17 लाख टन गन्ने के रस के डायवर्जन के बाद 2023-24 मार्केटिंग ईयर के लिए चीनी उत्पादन 323 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है। पिछले साल इथेनॉल के लिए 38 लाख टन स्वीटनर के इस्तेमाल के साथ शुद्ध चीनी उत्पादन 328.2 लाख टन रहा था।केंद्र सरकार ने बढ़ाया है गन्ने का दाम
पिछले महीने केंद्र सरकार ने अक्टूबर से शुरू सुगर मार्केटिंग ईयर 2024-25 के लिए गन्ने की Fair and Remunerative Price (FRP) को 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था। FRP वह न्यूनतम कीमत होती है, जो मिलों को गन्ना किसानों को देना होता है।
सरकार ने एक बयान में कहा, 'गन्ने का दाम बढ़ाने से देशभर के 5 करोड़ से अधिक किसानों और उनके परिवार को फायदा होगा। साथ ही, इससे वे लाखों लोग भी लाभान्वित होंगे, जो सुगर सेक्टर से जुड़े हैं।' गन्ने का उत्पादन मुख्य तौर पर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में होता है।