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E-commerce Policy में छोटे व ऑफलाइन कारोबारियों की नहीं होगी अनदेखी, जल्द आ सकती है पॉलिसी: पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ई-कॉमर्स नीति छोटे और ऑफलाइन कारोबारियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। गोयल ने कहा सरकार जल्द ही एक ई-कॉमर्स नीति की घोषणा कर सकती है जिसमें यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि सभी को फायदा हो और ई-कॉमर्स कंपनियां और छोटे व्यापारी एक-दूसरे के पूरक हों। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Fri, 15 Sep 2023 08:33 PM (IST)
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पिछले तीन साल से ई-कॉमर्स पॉलिसी लाने पर काम चल रहा है
नई दिल्ली, जेएनएन: वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कोरोना काल में उपभोक्ताओं का ध्यान रखने वाले छोटे व ऑफलाइन कारोबारियों की ई-कॉमर्स पॉलिसी में अनदेखी नहीं की जा सकती है।

पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार जल्द ही ई-कॉमर्स पॉलिसी की घोषणा कर सकती है जिसमें कोशिश यह की गई है कि सभी का लाभ हो और ई-कॉमर्स कंपनियां व छोटे व्यापारी एक-दूसरे के पूरक बने।

कोविड में छोटे व्यापारियों ने अपनी जान पर खेल कर सामान किया था डिलीवर 

गोयल ने कहा कि खुदरा व्यापार व एमएसएमई को संरक्षण देना सरकार की स्पष्ट नीति में शामिल हैं और ये व्यापारी हमारी प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब ई-कामर्स कंपनियां लोगों तक सामान पहुंचाने में फेल हो गई थी, तब इन छोटे व्यापारियों ने अपनी जान पर खेलकर और अपनी सेहत को दांव पर लगाकर ग्राहकों को सामान पहुंचाने का काम किया।

ऑफलाइन खुदरा व्यापारियों का योगदान अद्भुत- गोयल

पीयूष गोयल ने कहा कि इन छोटे व ऑफलाइन खुदरा व्यापारियों का योगदान अद्भुत है। हम ई-कॉमर्स पॉलिसी में इन व्यापारियों पर किसी तरह की आंच नहीं आने देंगे।

ऑफलाइन व्यापार करने वाले छोटे कारोबारियों के लिए ही सरकार ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कामर्स (ओएनडीसी) प्लेटफार्म लेकर आई है। गोयल ने कहा कि घोषित होने वाली ई-कॉमर्स नीति में सभी के हित की बात है। सभी के लाभ का ख्याल रखा गया है।

ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वारा मिलने वाली भारी छूट का विरोध कर रहे थे ऑफलाइन व्यापारी

ऑफलाइन खुदरा कारोबारी पिछले कई सालों से ई-कॉमर्स कंपनियों की तरफ से भारी छूट के साथ सामान बेचने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे उनकी बिक्री लगातार कम हो रही है।

सूत्रों के मुताबिक नई ई-कामर्स पॉलिसी में लागत से कम दाम पर सामान बेचने की इजाजत नहीं होगी। सभी ई-कामर्स कंपनियों को सरकार के यहां अपना पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। उपभोक्ता उनके खिलाफ शिकायत कर सकेंगे जिसका त्वरित निपटान होगा।

ई-कामर्स प्लेटफार्म पर सभी विक्रेताओं की पूरी जानकारी होगी। मार्केट प्लेस व इंवेंट्री माडल के बीच ई-कामर्स कंपनियों को स्पष्ट अंतर बताना होगा।

तीन साल से ई-कॉमर्स पॉलिसी के लिए सरकार कर रही है काम

डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर सामान बेचने वाली सभी कंपनियों को ई-कामर्स पॉलिसी के दायरे में लाया जा सकता है। पिछले महीने वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय में ई-कॉमर्स पॉलिसी से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई थी। पिछले तीन साल से ई-कॉमर्स पॉलिसी लाने पर काम चल रहा है, लेकिन अब तक इसकी घोषणा नहीं हो सकी है।