..तो यहां बन रहे हैं जाली नोट, चुनाव से पहले तस्करी जोरों पर
एक तरफ देश में आम चुनाव की लहर दौड़ रही है तो दूसरी तरफ नकली भारतीय नोट की तस्करी भी बढ़ रही है। विदेशों से जाली भारतीय नोटों की तस्करी में इजाफा हो रहा है, जिसके मद्देनजर वित्तीय खुफिया एजेंसियों ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। आगामी लोकसभा चुनाव के चलते जाली नोटों की तस्करी में और बढ़ोतरी होने की आ
By Edited By: Updated: Mon, 10 Mar 2014 11:16 AM (IST)
नई दिल्ली। एक तरफ देश में आम चुनाव की लहर दौड़ रही है तो दूसरी तरफ नकली भारतीय नोट की तस्करी भी बढ़ रही है। विदेशों से जाली भारतीय नोटों की तस्करी में इजाफा हो रहा है, जिसके मद्देनजर वित्तीय खुफिया एजेंसियों ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है।
आगामी लोकसभा चुनाव के चलते जाली नोटों की तस्करी में और बढ़ोतरी होने की आशंका है। सूत्रों ने बताया कि राजस्व खुफिया विभाग की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि पाकिस्तान में छापी गई जाली भारतीय मुद्रा की तस्करी के लिए पड़ोसी देशों श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश के रास्तों का इस्तेमाल बढ़ रहा है। पढ़ें : 2.96 रुपये में छपता है एक हजार का नोट राजस्व खुफिया महानिदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने अप्रैल 2013 से जनवरी 2014 के दौरान भारत से बाहर ऐसे पांच मामले दर्ज किए हैं और करीब 15 लाख रुपये की जाली भारतीय मुद्रा बरामद की है। सूत्रों ने बताया कि डीआरआई और दूसरे देशों के अधिकारियों के संयुक्त अभियान के दौरान आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से तीन पाकिस्तानी नागरिक हैं।
पढ़ें : एक जनवरी तक बदले जाएंगे 2005 से पहले के नोट वर्ष 2012-13 के दौरान एफआईसीएन की तस्करी के आठ मामले दर्ज किए गए थे। इस दौरान पांच पाकिस्तानियों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन मामलों में 6.35 लाख रुपये की जाली मुद्रा बराबद हुई। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, भारत में एफआईसीएन की तस्करी वियतनाम व मलेशिया के रास्ते भी हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि इन जाली नोटों को आसानी से पहचान पाना संभव नहीं होता है।
पढ़ें : विदेश व्यापार में मनीलांडिंग के 900 करोड़ के मामले पकड़े एक सूत्र का कहना है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस तरह की खबरें हैं कि विदेशों से भारत में एफआईसीएन की तस्करी में इजाफा होगा। सूत्रों का कहना है कि एफआईसीएन की तस्करी के लिए तस्कर गरीब लोगों का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें भारत में जाली मुद्रा पहुंचाने के लिए अच्छा खासा पैसा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि डीआरआई के अधिकारियों ने अप्रैल, 2013 से जनवरी, 2014 के दौरान 11 मामले दर्ज किए हैं। इन मामलों में 96 लाख रुपये की जाली मुद्रा पकड़ी गई। एक नाबालिग सहित इन मामलों में कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया।