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Sovereign Gold Bond: सेकेंडरी मार्केट छा रहा SGB, क्या यहां से खरीदना होगा बेस्ट?

Sovereign Gold Bond Investment आज के समय फिजिकल गोल्ड के साथ डिजिटल गोल्ड भी निवेश के लिए काफी अच्छा ऑप्शन है। डिजिटल गोल्ड में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (Sovereign Gold Bond-SGB) लोगों को काफी पसंद आ रहा है। अभी इसकी न्यू सीरीज नहीं आ रही है। वहीं सेकेंडरी मार्केट में एसजीबी प्रीमियम के साथ ट्रेड कर रहा है। ऐसे में सवाल है कि क्या इसे खरीदना सही रहेगा या नहीं।

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Sat, 09 Nov 2024 08:00 PM (IST)
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सेकेंडरी मार्केट में प्रीमियम के साथ रहा SGB
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। फिजिकल गोल्ड के साथ लोगों को डिजिटल गोल्ड (Digitak Gold) भी काफी पसंद आ रहा है। डिजिटल गोल्ड में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (Sovereign Gold Bond-SGB) काफी अच्छा ऑप्शन है। अभी निवेश के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज जारी नहीं हुई। ऐसे में सेकेंडरी मार्केट्स में इसको लेकर काफी क्रेज देखा जा रहा है। लोगों की बढ़ती दिलचस्पी के बाद सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 5 से 10 फीसदी के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है।

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (What is Sovereign Gold Bond)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड है। यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी होता है। इसमें कूपन रेट के साथ मैच्योरिटी पर टैक्स बेनिफिट भी मिलता है। यह बॉन्ड बाकी डिजिटल गोल्ड इनवेस्टमेंट से काफी अच्छा ऑप्शन माना जाता है। ऐसे में कई लोग सेकेंडरी मार्केट्स से पुरानी गोल्ड सीरीज खरीद रहे हैं। बता दें कि सेकेंडरी मार्केट्स से खरीदे गए गोल्ड की एक्टिव ट्रेडिंग नहीं होती है। ऐसे में इसमें नुकसान होने की भी संभावना बनी रहती है।

आरबीआई ने साल 2016 से 2024 तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 67 किस्त जारी की थी। हालांकि, अब माना जा रहा है कि सरकार इसके दायरे को सीमित करके इसे घटा सकती है। इसकी वजह है कि यह सरकार के लिए महंगा साबित हो रहा है।

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कहां से खरीदें SGB

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सीरीज भले ही शेयर बाजार में लॉन्च नहीं हुई है पर इसकी लिस्टिंग सेकेंडरी मार्केट्स में हो चुकी है। इसके अलावा यह मार्केट के दोनों स्टॉक एक्सचेंज (BSE और NSE) के कैश सेगमेंट में ट्रेडिंग के लिए भी मौजूद हैं। ऐसे में निवेशक आसानी से डीमैट अकाउंट (Demat Account) का इस्तेमाल करते इसे खरीद या बेच सकते हैं। बता दें कि एसजीबी का एक यूनिट क ग्राम गोल्ड के बराबर होता है।

क्या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदना रहेगा सही

अगर आप भी सेकेंडरी मार्केट्स में प्रीमियम के साथ एसजीबी खरीदने का सोच रहे हैं तो आपको आगामी 5 से 6 साल में चैलेंजिस का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार अगर प्रीमियम के हिसाब से गोल्ड की कीमत नहीं बढ़ती है तो निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि इस बॉन्ड का रिडेम्प्शन प्राइस मार्केट प्राइस के आधार पर तय होता है। ऐसे में सेकेंडरी मार्केट्स से यह बॉन्ड खरीदना काफी रिस्कफुल हो सकता है।

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