सर्विलांस पर रखी गई SpiceJet, क्या बढेंगी मुश्किलें; DGCA ने क्या कहा?
वर्ष 2023 के दौरान एयरलाइन के वित्तीय तनाव में होने की रिपोर्टों के आधार पर इसे फिर से कड़ी निगरानी में रखा गया। इस कार्रवाई से परिचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई मौके पर जांच और रात की निगरानी में वृद्धि होगी। इससे पहले नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने नियमों का पालन नहीं करने के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस पर 10 लाख रुपये का वित्तीय जुर्माना लगाया था।
एएनआई, नई दिल्ली। एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट अब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की बढ़ी हुई निगरानी के तहत काम करेगी। स्पाइसजेट एयरलाइंस द्वारा उड़ानें रद्द किए जाने और वित्तीय तनाव की रिपोर्टों के आधार पर डीजीसीए ने 7 और 8 अगस्त 2024 को स्पाइसजेट इंजीनियरिंग सुविधाओं का एक विशेष ऑडिट किया, जिसमें कुछ कमियां सामने आईं।
विज्ञप्ति में बताया गया कि 2022 में स्पाइसजेट बेड़े में कई घटनाओं की सूचना मिलने के बाद विशेष मौके पर जांच अभियान चलाया गया, जिसके दौरान स्पाइसजेट को डीजीसीए को यह पुष्टि करने के बाद ही विमान को परिचालन के लिए जारी करने की अनुमति दी गई कि सभी रिपोर्ट की गई खामियों और खराबी को ठीक कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 के दौरान एयरलाइन के वित्तीय तनाव में होने की रिपोर्टों के आधार पर, इसे फिर से कड़ी निगरानी में रखा गया। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस कार्रवाई से परिचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई मौके पर जांच और रात की निगरानी में वृद्धि होगी। इससे पहले नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने DGCA नियमों का पालन नहीं करने के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस पर 10 लाख रुपये का वित्तीय जुर्माना लगाया था।
प्रेस रिलीज के अनुसार डीजीसीए ने जून 2024 के महीने में अनुसूचित घरेलू परिचालकों के वार्षिक निगरानी कार्यक्रम (एएसपी) 2024 के अनुसार डीजीसीए द्वारा जारी यात्री-केंद्रित सीएआर सेक्शन-3, सीरीज एम, भाग I, भाग II और भाग IV के संबंध में निगरानी निरीक्षण किया। एयरलाइनों के निगरानी निरीक्षण के दौरान, यह पाया गया कि एयर इंडिया एक्सप्रेस सीएआर सेक्शन-3, सीरीज एम, भाग IV के प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रही थी।
संबंधित विनियमों के प्रावधानों का अनुपालन न करने के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा गया। एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा प्रस्तुत उत्तर से पता चला कि एयरलाइन ने उड़ानों के रद्द होने के कारण प्रभावित यात्रियों को मुआवजा प्रदान करने के लिए उपरोक्त सीएआर के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया था।