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स्पाइसजेट के खेमे में आएंगे 42 बोइंग विमान

बजट एयरलाइन स्पाइसजेट ने अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग को 4.4 अरब डॉलर (करीब 26,000 करोड़ रुपये) का बड़ा ऑर्डर दिया है। इसके तहत कंपनी 42 737-मैक्स जेट विमान खरीदेगी। बोइंग इन विमानों की आपूर्ति 201

By Edited By: Updated: Thu, 13 Mar 2014 09:34 AM (IST)
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हैदराबाद। बजट एयरलाइन स्पाइसजेट ने अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग को 4.4 अरब डॉलर (करीब 26,000 करोड़ रुपये) का बड़ा ऑर्डर दिया है। इसके तहत कंपनी 42 737-मैक्स जेट विमान खरीदेगी। बोइंग इन विमानों की आपूर्ति 2018 से शुरू करेगी। इससे एयरलाइन को क्षमता विस्तार में काफी मदद मिलेगी।

माना जा रहा है कि घरेलू विमानन बाजार में विदेशी एयरलाइनों सिंगापुर एयरलाइन, एयर एशिया और एतिहाद के आने से प्रतिस्पर्धा और तेज होगी। इसे देखते हुए ही देश की सबसे बड़ी बजट एयरलाइन अपने बेड़े को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी हैदाराबाद में आयोजित इंडिया एविएशन 2014 एक्जीबिशन के पहले दिन दोनों कंपनियों ने इस सौदे पर हस्ताक्षर किए।

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स्पाइसजेट के प्रवर्तक समूह सन ग्रुप के मुख्य वित्त अधिकारी एसएल नारायणन ने कहा कि एयरलाइन ने पिछले कई सालों में बोइंग के साथ अपने संबंध बेहद मजबूत किए हैं। बोइंग के नई पीढ़ी के 737 विमान अपनी विश्वसनीयता और लागत दक्षता के कारण कंपनी की पसंद बने हुए हैं। इन विमानों के आने से कंपनी के विमान बेड़े का आधुनिकीकरण होगा। यात्रियों का अनुभव उम्दा होगा और सबसे दक्ष परिचालन बेड़े की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। सौदे की रकम का भुगतान आपूर्ति शुरू होने के समय से शुरू होगा। कुछ विमानों की आपूर्ति 737 एनजी विमानों के स्पाइसजेट के मौजूदा ऑर्डर के बदले में की जाएगी। 737 मैक्स विमानों में सबसे उन्नत इंजन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसमें आधुनिक सीएफएम इंटरनेशनल लीप-1बी इंजन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है।

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बोइंग के कमर्शियल एयरप्लेन्स के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (एशिया पेसिफिक और भारत) दिनेश केसकर ने कहा कि ईंधन दक्षता के लिहाज से भी यह बेहतर है। सरकार की ओर से घरेलू एयरलाइनों में विदेशी कंपनियों को निवेश की इजाजत मिलने से कलानिधि मारन के नेतृत्व वाली स्पाइसजेट में निवेश की संभावनाएं बढ़ी हैं। कंपनी यह संकेत भी दे चुकी है कि संभावित निवेशक कंपनी में निवेश करने के इच्छुक हैं। नए विमान और नया निवेश आने पर देश की इस चौथी सबसे बड़ी विमानन कंपनी की वित्तीय सेहत में सुधार की उम्मीद की जा रही है।