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Inflation in Pakistan : अभी महंगाई की आग में झुलसती रहेगी पाकिस्तानी जनता, केंद्रीय बैंक ने नहीं घटाई ब्याज दर

पाकिस्तान की जनता को फिलहाल महंगाई से राहत मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने लगातार छठी बार अपनी पॉलिसी मीटिंग में प्रमुख ब्याज दर ( key interest rate) में कोई बदलाव नहीं किया। यह 22 फीसदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बरकरार है। पाकिस्तानी सरकार का अभी पूरा ध्यान IMF से आर्थिक पैकेज की तीसरी किश्त हासिल करने पर है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 19 Mar 2024 08:44 PM (IST)
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पाकिस्तान में रमजान के महीने में लोगों के लिए फल और सब्जियां खरीदना मुश्किल हो गया है। (File Photo)
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान की जनता पिछले काफी समय से कमरतोड़ महंगाई से जूझ रही है। और फिलहाल उन्हें राहत मिलने की कोई उम्मीद भी नजर नहीं रही। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने लगातार छठी बार अपनी पॉलिसी मीटिंग में प्रमुख ब्याज दर ( key interest rate) में कोई बदलाव नहीं किया। यह 22 फीसदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बरकरार है।

SBP ने ब्याज दरों में क्यों नहीं किया बदलाव?

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का दारोमदार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाले आर्थिक पैकेज पर टिका है। पिछली बार IMF ने बड़ी मिन्नतों के बाद आखिरी मौके पर आर्थिक मदद देकर पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाया था। लेकिन, साथ में कई कड़ी शर्तें भी रखी थी। इनमें ऊंची ब्याज दर और सब्सिडी कम जैसी चीजें शामिल थीं।

IMF ने वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी है। अब IMF यह तय करने वाला है कि क्या पाकिस्तान ने 1.1 अरब डॉलर की अगली किश्त पाने की शर्तों को पूरा कर लिया है या नहीं। ऐसे में SBP और पाकिस्तान की सरकार चाहकर भी जनता को किसी किस्म की रियायत नहीं दे सकते।

SBP का कहना है कि महंगाई में कुछ कमी जरूर आई है, लेकिन हालात अभी भी नाजुक हैं और ऐसे में वह कोई जोखिम नहीं उठाना नहीं चाहता। अगर आर्थिक मोर्चे पर चीजें बेहतर होती हैं, तो पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक अप्रैल में कुछ नरमी बरत सकता है।

महंगाई से बेहाल पाकिस्तानी जनता

पाकिस्तान में महंगाई में थोड़ी-बहुत कमी जरूर आई है। लेकिन, खाने-पीने की चीजों के दाम अभी भी आसमान छू रहे हैं। रमजान के महीने में लोगों के लिए फल और सब्जियां खरीदना मुश्किल हो गया है। आटे का भाव भी काफी ज्यादा है। SBP के फैसले के बाद एक्सपर्ट का मानना है कि हाल-फिलहाल पाकिस्तानी जनता को महंगाई से राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे।

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी घटा

पाकिस्तान के पास फिलहाल इतना ही विदेशी मुद्रा भंडार है कि वह दो महीने के आयात का बोझ उठा पाए। उसे लगातार विदेशी कर्ज चुकाना पड़ रहा है, जिससे वह अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ा नहीं पा रहा। जनवरी के आखिर में उसके पास 8 अरब डॉलर की विदेशी करेंसी थी। यही वजह है कि पाकिस्तान की नई सरकार IMF से आर्थिक पैकेज की अगली किश्त जल्द से जल्द हासिल करना चाहती है और उसे खुश रखने के लिए महंगाई को आसमान चढ़ा रखा है।

पिछले शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया पांच महीने के निचले स्तर 278.77 रुपये पर पहुंच गया था। इससे निर्यातकों के लिए गंभीर चिंता पैदा हो गई। पाकिस्तानी सरकार को डर है कि सस्ते डॉलर से आयात बढ़ सकता है। इससे आयात और निर्यात के बीच मौजूदा संतुलन बिगड़ सकता है।

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