Stock Exchanges ने IOC, GAIL और ONGC पर लगातार तीसरी तिमाही में लगाया जुर्माना, जानें इसकी वजह
स्टॉक एक्सचेंज ने ऑयल और गैस सेक्टर से जुड़ी कई सरकारी कंपनियों पर जरूरी नियमों का पालन करने की वजह से लगातार तीसरी तिमाही में जुर्माना लगाया है। सरकार के मालिकाना हक वाली इंडियन ऑयल ONGC और GAIL जैसी कंपनियां अपने बोर्ड में आवश्यक संख्या में निदेशकों की नियुक्ति करने में नाकाम रहीं। कंपनियों की दलील है कि ये नियुक्तियां सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं
पीटीआई, नई दिल्ली। स्टॉक एक्सचेंज ने ऑयल और गैस सेक्टर से जुड़ी कई सरकारी कंपनियों पर जरूरी नियमों का पालन करने की वजह से लगातार तीसरी तिमाही में जुर्माना लगाया है। सरकार के मालिकाना हक वाली इंडियन ऑयल, ONGC और GAIL जैसी कंपनियां अपने बोर्ड में आवश्यक संख्या में निदेशकों की नियुक्ति करने में नाकाम रहीं।
इन कंपनियों ने अलग-अलग फाइलिंग में 31 दिसंबर, 2023 को समाप्त तीसरी तिमाही में स्वतंत्र निदेशकों या अनिवार्य महिला निदेशक की अपेक्षित संख्या नहीं होने के कारण बीएसई और एनएसई के लगाए गए जुर्माने की जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ये नियुक्तियां सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती हैं और इनमें उनका कोई रोल नहीं है। पिछली दो तिमाहियों में भी इन कंपनियों पर इसी वजह से जुर्माना लगाया गया था।
छह सार्वजनिक उपक्रमों ने अलग-अलग फाइलिंग में बताया कि शेयर बाजार ने उन पर तीसरी तिमाही के लिए 5,42,800 रुपये का जुर्माना लगाया है। ONGC और उसकी सहायक कंपनियों HPCL और MRPL के साथ GAIL और OIL के बोर्ड में जरूरी संख्या में स्वतंत्र निदेशक नहीं थे। वहीं, IOC के बोर्ड एक भी महिला स्वतंत्र निदेशक नहीं होने की वजह से जुर्माने का सामना करना पड़ा।
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लिस्टिंग मानदंडों के अनुसार, कंपनियों को कार्यकारी निदेशकों के समान अनुपात में स्वतंत्र निदेशक भी रखना होता है। साथ ही, बोर्ड में कम से कम एक महिला निदेशक हर हाल में होनी चाहिए। दूसरी तिमाही में IOC, ONGC, OIL, GAIL, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, HPCL और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड को इसी वजह से जुर्माना झेलना पड़ा था।
IOC ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, 'एक सरकारी कंपनी होने के नाते निदेशकों (स्वतंत्र निदेशकों सहित) को नियुक्त करने की शक्ति भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पास है। 31 दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही के दौरान बोर्ड में महिला स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति न होने की वजह कंपनी की कोई लापरवाही या गलती नहीं है।' IOC ने कहा कि इसलिए उसका जुर्माना माफ कर दिया जाना चाहिए।