Stock Market Crash: शेयर बाजार में कोहराम, निवेशकों को भारी नुकसान; मार्केट में गिरावट के ये हैं कारण
Share Market Update शेयर बाजार में बिकवाली भरा कारोबार आज भी जारी है। करीब एक महीने से जारी बिकवाली के कारोबार ने निवेशकों को डरा दिया है। अब लार्जकैप के शेयरों में भी बिकवाली शुरू हो गई है। ऐसे में निवेशक बाजार में तेजी की उम्मीद लगा रहे हैं। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि स्टॉक मार्केट में गिरावट के कारण क्या है?
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कई हफ्तों से शेयर बाजार में गिरावट भरे कारोबार ने निवेशकों को डरा दिया है। आज भी दोनों सूचकांक में गिरावट देखी जा रही है। जहां बाजार में शुरुआती गिरावट केवल मिडकैप और स्मॉलकैप में देखने को मिल रही थी। वहीं अब लार्ज कैप शेयरों में भी बिकवाली जारी हो गई। इस बिकवाली से नए और पुराने निवेशक डर गए हैं।
सितंबर के अंत में जहां निफ्टी (Nifty50) और सेंसेक्स (Sensex) अपने ऑल-टाइम हाई पर थे। वहीं, आज यह दोनों सूचकांक अपने निचले स्तर पर पहुंच गए। आज के कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 77,700 अंक और निफ्टी 23,500 अंक पर आ गया है। पिछले एक महीने में निफ्टी 5 फीसदी और सेंसेक्स 4 फीसदी से अधिक टूट गया।
निवेशकों को भारी नुकसान
शेयर बाजार में भारी गिरावट के कारण निवेशकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। 27 सितंबर 2024 तक बीएसई का मार्केट-कैप 477 लाख रुपये था। वहीं, 13 अक्टूबर 2024 को यह 429 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस पूरे टेन्योर में स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर को 48 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।ऐसे में निवेशकों के बाजार के चढ़ने की आस बनी हुई है। आइए, जानते हैं कि शेयर बाजार में गिरावट के कारण क्या है।
क्यों गिर रहा है बाजार
अक्टूबर और नवंबर में बड़ी-बड़ी कंपनियों ने तिमाही नतीजे जारी किए। इस बार कंपनियों के निराशाजनक तिमाही नतीजे जारी होने के बाद निवेशकों ने शेयरों की बिकवाली करने का निर्णय लिया।स्टॉक मार्केट में गिरावट की दूसरी वजह डॉलर इंडेक्स का मजबूत होना भी है। वर्तमान में डॉलर चार महीने के उच्चतम स्तर पर और भारतीय करेंसी ऑल-टाइम लो पर पहुंच गई है। ऐसे में निवेशक डॉलर की मजबूती के कारण चिंतित है। मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अमेरिकी आर्थिक विकास और आक्रामक व्यापार नीतियों में सुधार आएगा, जिससे महंगाई बढ़ने का खतरा है।
12 नवंबर को अक्टूबर महीने का खुदरा महंगाई का आंकड़ा आया था। अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। रिटेल इन्फलेशन 6.21 फीसदी रहा, जो आरबीआई के दायरे से अधिक है।विदेशी निवेशकों द्वारा जारी बिकवाली बाजार में आई गिरावट का मुख्य कारण है। बीते एक महीने में विदेशी निवेशकों ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेचे। अगर पिछले एक हफ्ते की बात करें तो एफआईआई ने 20 हजार करोड़ रुपये की निकासी की। विदेशी निवेशक भारतीय बाजार के मुख्य चालकों में से एक है। अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद विदेशी निवेशक भारतीय बाजार की जगह ग्लोबल मार्केट की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
ग्लोबल मार्केट से मिल रहे कमजोर संकेत के कारण भी भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली भरा कारोबार है। मंगलवार को अमेरिकी बाजार के साथ एशियाई बाजार भी गिरावट के साथ बंद हुए। माना जाता है कि गिफ्ट निफ्टी (Gift Nifty) भारतीय शेयर की चाल का संकेत देती है। ऐसे में आज गिफ्ट निफ्टी भी 1 फीसदी से ज्यादा गिरकर कारोबार कर रहा है।यह भी पढ़ें: Bulldozer in India: कितने में मिलता है बुलडोजर, किन कामों के लिए होता है इस्तेमाल?