Share Market Update: स्टॉक मार्केट में तूफानी तेजी के बीच हिस्सेदारी बेच रहे प्रमोटर्स, क्या है इसकी वजह
शेयर बाजार में तूफानी तेजी आ रही है और इस तेजी के समय जहां निवेशक ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रमोटर कंपनी अपने शेयर बेच रही है। 2024 के 6 महीनों में उन्होंने 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेच दिये हैं। आइए जानते हैं कि प्रमोटर कंपनियां अपने शेयर क्यों बेच रही है?
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इस वक्त स्टॉक मार्केट में जबरदस्त तेजी का दौर जारी है। इसका फायदा निवेशकों के साथ कंपनियों के प्रमोटर यानी मालिक भी उठा रहे हैं। कई प्रमोटर ने अपनी कुछ हिस्सेदारी बेची है। इसकी कई वजहें हैं, लेकिन मुख्य तौर पर प्रमोटर अपनी कंपनी की ऊंची वैल्यूएशन का फायदा उठाने के लिए हिस्सेदारी बेचने का फैसला कर रहे हैं।
अधिकारिक डेटा के अनुसार, साल 2024 के पहले 6 महीने में शेयर मार्केट की टॉप-500 कंपनियों के प्रमोटर 84 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा वैल्यू के शेयर बेच चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले पांच साल की तुलना में सबसे ज्यादा है। पिछले साल यानी 2023 में प्रमोटर ने कुल 99,600 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। लेकिन, इस साल की पहली छमाही में ही प्रमोटर 80,000 करोड़ रुपये ज्यादा के शेयर बेच चुके हैं।
इस डेटा से साफ जाहिर जाहिर होता है कि इस साल प्रमोटर के स्टॉक बेचने का आंकड़ा 2023 के मुकाबले अधिक हो जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर प्रमोटर कंपनियां लगातार शेयर की बिक्री क्यों कर रहे हैं।
क्यों हिस्सेदारी बेच रहे प्रमोटर
इस वक्त शेयर मार्केट में तेजी है। ऐसे में कई कंपनियों का वैल्यूएशन काफी अधिक हो गया है। ऐसे में प्रमोटर करेक्शन यानी कीमतों में गिरावट से पहले हिस्सेदारी बेचकर उसका लाभ उठाना चाहते हैं। साथ ही, कुछ प्रमोटर की अपनी कंपनी में हिस्सेदारी सेबी के तय नियमों से अधिक है।
वे भी अपनी हिस्सेदारी कम करके इस बुल रन का फायदा उठा रहे हैं। कई प्रमोटर अपनी कंपनी का कर्ज उतारने या विस्तार करने के लिए शेयर बेच रहे हैं। प्रमोटर जो शेयर बेच रहे हैं, उनमें से ज्यादातर को घरेलू निवेशक ही खरीद रहे हैं।
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किन कंपनियों के प्रमोटर ने बेचे शेयर?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वोडाफोन पीएलसी के इंडस टावर ने 15,300 करोड़ की शेयर बेचें हैं। वहीं, इंटरग्लोब प्रमोटर्स ने भी 10,200 करोड़ रुपये के शेयर की बिक्री की है। टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने भी 9,300 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिये हैं।
कम हुई प्रमोटर की हिस्सेदारी
इस साल की शुरुआत से ही प्रमोटर अपनी कंपनियों में हिस्सेदारी घटा रहे हैं। इससे बाद प्रमोटर की शेयरहोल्डिंग में भी कमी आई है। दिसंबर 2022 तिमाही के अंत तक बीएसई-200 इंडेक्स में प्रमोटर शेयरहोल्डिंग्स की हिस्सेदारी 42.1 फीसदी थी, जो इस साल मार्च तिमाही में घटकर 38.8 फीसदी हो सकती है। जून तिमाही में प्रमोटर शेयरहोल्डिंग्स की हिस्सेदारी में और गिरावट आ सकती है।
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