आज दुनिया भर में युवाओं से लेकर उम्रदराज लोगों की पहली पसंद बन चुका वॉट्स एप्प फेसबुक के पास जाने वाला है। पिछले कुछ सालों में वॉट्स एप्प की लोकप्रियता इतनी ज्यादा बढ़ गई कि आज उसे करीब 45 करोड़ रोजाना इस्तेमाल करने लगे हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इस मैसेजिंग एप्लिकेशन वॉट्स एप्प की शुरुआत
By Edited By: Updated: Thu, 20 Feb 2014 04:12 PM (IST)
नई दिल्ली। आज दुनिया भर में युवाओं से लेकर उम्रदराज लोगों की पहली पसंद बन चुका वॉट्स एप्प फेसबुक के पास जाने वाला है। पिछले कुछ सालों में वॉट्स एप्प की लोकप्रियता इतनी ज्यादा बढ़ गई कि आज उसे करीब 45 करोड़ रोजाना इस्तेमाल करने लगे हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इस मैसेजिंग एप्लिकेशन वॉट्स एप्प की शुरुआत कैसे हुई। हम आपको इतना बता दें कि जिस वॉट्स एप्प को आज फेसबुक ने खरीदने के लिए सौदा किया है कभी उसी वॉट्स एप्प के सीईओ को नौकरी पर रखने से इनकार कर दिया था। फेसबुक ही नहीं ट्विटर ने भी इन मालिकों को नौकरी पर रखने लायक नहीं समझा था। आज इसी वॉट्स एप्प को फेसबुक ने 19 अरब डॉलर में खरीदने का सौदा किया है।
कैसे हुई वॉट्सएप की शुरुआत इससे पहले हम आपको वॉट्य एप्प के मालिकों की हैरतअंगेज कहानी सुनाएं। आइये पहले बताते हैं कि कैसे हुई इसकी शुरुआत। जनवरी 2009 में कूम ने एप्पल का आईफोन खरीदा। इस फोन से कूम को एप के जबर्दस्त मार्केट तैयार होने का अंदाजा लग गया। इसी दौरान कूम अपने रूसी मूल के दोस्त एलेक्स फिशमैन के पश्चिमी सैन जोस स्थित घर गए। फिशमैन रूसी मूल के दोस्तों को हर सप्ताह पिज्जा खाने और फिल्म देखने के लिए आमंत्रित करते थे। कई बार इस महफिल में 40 लोग तक आ जाते थे। फिशमैन के किचन में कूम और फिशमैन घंटों चाय पीते हुए एप पर चर्चा करते थे। इसी बातचीत के दौरान वॉट्सएप के आइडिया ने जन्म लिया।
दिलचस्प वॉट्स एप्प, दिलचस्प मालिकवॉट्सएप्प को उक्रेन के 37 साल जन कूम ने अमेरिका के 44 साल के ब्रायन एक्टन के साथ मिलकर शुरू किया था। बाद में वेंचर कैपिटलिस्ट जिम गोएट्ज भी इसमें शामिल हो गए थे। जन कूम कंपनी के सीईओ हैं। मशहूर बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स के मुताबिक वॉट्सएप्प के सीईओ जन कूम के पास इस कंपनी की 45 फीसदी हिस्सेदारी है। इस हिसाब से फेसबुक के प्रस्तावित सौदे से जन कूम करीब 42160 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक बन जाएंगे।
पढ़ें : अब फेसबुक का होगा वॉट्स एप्प, 19 अरब डॉलर में हुआ सौदा जन कूम ने फेसबुक के साथ सौदे के कागजों पर दस्तखत वॉट्सएप्प के दफ्तर में नहीं बल्कि वहां से कुछ दूरी पर मौजूद एक सफेद इमारत का चुनाव किया जो पहले नॉर्थ काउंटी सोशल सर्विस का दफ्तर था। इसी दफ्तर में कई साल पहले कूम खाने का कूपन लेने के लिए लाइन लगाते थे। जन कूम ने जिंदगी में कई उतार चढ़ाव देखे हैं। जब कूम 16 साल के थे तब वह और उनकी मां उक्रेन छोड़कर अमेरिका के माउंटेन व्यू इलाके में आ बसे थे। यहां उन दोनों ने सरकारी मदद से दो कमरों का एक छोटा अपार्टमेंट लिया था। लेकिन कूम के पिता यहां कभी नहीं आए। कूम के पिता कंस्ट्रक्शन फर्म में काम करते थे और उनकी मां गृहणी हैं। अमेरिका में गुजारे के लिए कूम की मां बच्चों की देखभाल करती थीं और खुद कूम जनरल स्टोर में झाड़ू लगाते थे।
पढ़ें : जुकरबर्ग ने दान किए छह हजार करोड़ रुपये 1997 में कूम के पिता और 2000 में कैंसर के चलते कूम की मां की मौत हो गई थी। 18 साल की उम्र में कूम ने कंप्यूटर नेटवर्किग सीखी। अर्नस्ट एंड यंग में कूम ने सेक्योरिटी टेस्टर के रूप में काम किया। 1997 में कूम ने याहू में कंपनी के एडवर्टाइजिंग सिस्टम को चेक करने के लिए पहुंचे। यहां उनकी मुलाकात ब्रायन एक्टन से हुई। दोनों के वर्कस्टेशन आमने-सामने थे। छह महीने बाद कूम का याहू मं इंटरव्यू हुआ और उन्हें इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियर के तौर पर नौकरी मिल गई। 2007 तक कूम और एक्टन याहू में नौकरी करते रहे कंपनी को उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए देखते रहे। 2000 में एक्टन ने डॉटकॉम बूम में पैसे लगाए लेकिन कुछ ही समय बाद उन्हें लाखों डॉलर का नुकसान हो गया। सितंबर, 2007 में कूम और एक्टन ने याहू की नौकरी छोड़ दी और एक साल तक दक्षिणी अमेरिका में घूमते रहे। दोनों ने फेसबुक में नौकरी के लिए आवेदन किया, लेकिन दोनों फेल हो गए। कूम के पास 4 लाख अमेरिकी डॉलर की याहू से कमाई गई दौलत थी। वे उसी से गुजारा कर रहे थे।
पढ़ें : फेसबुक का 10वां जन्मदिन, जानिए कुछ रोचक बातें