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Sugar Output: देश में घटा चीनी का उत्‍पादन, इस वर्ष कुल 10 फीसदी गिरावट का अनुमान

उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन समीक्षाधीन अवधि में 6.12 मिलियन टन के मुकाबले 6.77 मिलियन टन अधिक था। उत्तर प्रदेश देश में चीनी उत्‍पादन के मामले में दूसरे स्‍थान पर है। वहीं चीनी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन इस विपणन वर्ष के फरवरी तक घटकर 7.94 मिलियन टन रह गया जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 8.59 मिलियन टन था।

By Agency Edited By: Praveen Prasad Singh Updated: Mon, 19 Feb 2024 03:20 PM (IST)
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चीनी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन इस विपणन वर्ष के फरवरी तक 7.94 मिलियन टन रह गया।

पीटीआई, नई दिल्‍ली। देश में चीनी के उत्‍पादन में गिरावट दर्ज की जा रही है। वर्तमान विपणन वर्ष (Marketing Year) की 15 फरवरी तक चीनी उत्‍पादन 2.48 फीसदी की गिरावट के साथ 22.36 मिलियन टन हो गया। इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (ISMA) के ताजा आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है। एक साल पहले ही इसी अवधि में चीनी उत्‍पादन 22.93 मिलियन टन रहा था।

बता दें कि चीनी के लिए विपणन वर्ष की गणना अक्‍टूबर से सितंबर के बीच की जाती है। अपने दूसरे अनुमान में, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने चालू विपणन वर्ष (2023-24) में चीनी उत्पादन 10 प्रतिशत घटकर 33.05 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष में 36.62 मिलियन टन था।

ISMA ने बताया कि, चालू विपणन वर्ष में अब तक महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में चीनी उत्पादन में गिरावट रही।

हालांकि, उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन समीक्षाधीन अवधि में 6.12 मिलियन टन के मुकाबले 6.77 मिलियन टन अधिक था। उत्तर प्रदेश देश में चीनी उत्‍पादन के मामले में दूसरे स्‍थान पर है।

वहीं चीनी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन इस विपणन वर्ष के फरवरी तक घटकर 7.94 मिलियन टन रह गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 8.59 मिलियन टन था। इसी तरह, देश के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक कर्नाटक में उत्पादन 4.6 मिलियन टन से घटकर 4.32 मिलियन टन रह गया। इस विपणन वर्ष में अब तक गुजरात में चीनी का उत्पादन 6,85,000 टन और तमिलनाडु में 4,50,000 टन तक पहुंच गया है।

चालू विपणन वर्ष के 15 फरवरी तक लगभग 505 कारखाने चल रहे थे, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह आंकड़ा 502 था। आईएसएमए ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में लगभग 22 कारखानों ने अपना परिचालन बंद कर दिया है।