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Sugar Output: देश में घटा चीनी का उत्पादन, इस वर्ष 1.19 फीसदी गिरा प्रोडक्शन

इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (ISMA) ने शुगर प्रोडक्शन को लेकर आंकड़े जारी किये हैं। इन आंकड़ों के अनुसार वर्तमान विपणन वर्ष (Marketing Year) में अब तक चीनी उत्पादन 1.19 प्रतिशत घटकर 25.53 मिलियन टन रह गया है। देश में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक महाराष्ट्र में होता है। वहीं उत्तर-प्रदेश दूसरे नंबर पर आता है। इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं।

By Agency Edited By: Priyanka KumariUpdated: Mon, 04 Mar 2024 04:15 PM (IST)
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देश में घटा चीनी का उत्पादन (जागरण)

 बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली देश में चीनी के प्रोडक्शन में गिरावट देखने को मिली है। इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (ISMA) न चीनी उत्पादन को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान विपणन वर्ष (Marketing Year)में अब तक देश का चीनी उत्पादन 1.19 प्रतिशत घटकर 25.53 मिलियन टन रह गया है।

एक साल पहले की समान अवधि में फरवरी तक चीनी का उत्पादन 25.84 मीट्रिक टन था। बता दें कि चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितम्बर तक चलता है।

अपने दूसरे अनुमान में, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने चालू 2023-24 विपणन वर्ष में चीनी उत्पादन 10 प्रतिशत घटकर 33.05 मीट्रिक टन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष में 36.62 मीट्रिक टन था।

आईएसएमए के रिपोर्ट के अनुसार, चालू विपणन वर्ष के फरवरी तक महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में चीनी उत्पादन कम रहा। हालाँकि, उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन समीक्षाधीन अवधि में 7 मीट्रिक टन के मुकाबले 7.81 मीट्रिक टन अधिक था। बता दें कि चीनी उत्पादन में उत्तर-प्रदेश दूसरे नंबर पर आता है।

किस राज्य में होता है सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन

देश में चीनी के सबसे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र है। इस विपणन वर्ष के फरवरी तक घटकर 9.09 मीट्रिक टन रह गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 9.51 मीट्रिक टन था। इसी तरह, देश के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक कर्नाटक में उत्पादन इस अवधि में 5.12 मीट्रिक टन से घटकर 4.7 मीट्रिक टन रह गया।

इस विपणन वर्ष में अब तक गुजरात में चीनी का उत्पादन 7,70,000 टन और तमिलनाडु में 5,80,000 टन तक पहुंच गया है। चालू विपणन वर्ष के फरवरी तक लगभग 466 कारखाने चल रहे थे, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह संख्या 447 थी।

आईएसएमए ने कहा मौजूदा सीजन में महाराष्ट्र और कर्नाटक में मिलों के बंद होने की दर पिछले साल की तुलना में धीमी है, जिससे संकेत मिलता है कि इस साल इन राज्यों में सीजन की समाप्ति लंबी हो सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल अब तक इन दोनों राज्यों में कुल 49 फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 74 फैक्ट्रियां बंद हुई थीं। कुल मिलाकर, देश भर में 65 कारखानों ने अपना पेराई कार्य बंद कर दिया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह आंकड़ा 86 था।