Move to Jagran APP

Sukanya Samriddhi Yojana में मैच्योरिटी से पहले कर सकते हैं निकासी, जानें नियम व शर्तें

बेटियों के लिए Sukanya Samriddhi Yojana काफी पॉपुलर है। इस स्कीम में आप अपनी बेटी की पढ़ाई और शादी के लिए निवेश कर सकते हैं। यह स्कीम बेटी के 21 साल के पूरे हो जाने के बाद मैच्योर हो जाती है। इस स्कीम में 15 साल तक निवेश करना होता है। ऐसे में सवाल रहता है कि क्या इस स्कीम को मैच्योरिटी से पहले बंद कर सकते हैं?

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Fri, 15 Nov 2024 01:00 PM (IST)
Hero Image
क्या मैच्योरिटी से पहले बंद हो सकती है Sukanya Samriddhi Yojana
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सुकन्‍या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana- SSY) शरू की थी। यह स्कीम स्पेशली बेटियों के लिए है। इस स्कीम में माता-पिता बेटी की पढ़ाई और शादी के लिए निवेश करते हैं और जब बेटी की आयु 18 हो जाती है तो उसे निवेश राशि के साथ ब्याज भी मिल जाता है।

इस स्कीम में 15 साल तक निवेश करना होता है। इसके बाद निवेश नहीं करना होता है और बेटी की आयु 18 साल हो जाने के बाद निकासी की जा सकती है। हालांकि, यह स्कीम बेटी के 21 साल पूरे हो जाने के बाद मैच्योर होती है। अगर आप भी अपनी बेटी के लिए यह स्कीम करवाने का सोच रहे हैं तो बता दें कि बेटी की आयु 10 साल से कम होनी चाहिए। वर्तमान में इस स्कीम में सरकार 8.2 फीसदी का इंटरेस्ट ऑफर कर रही है।

इस स्कीम में 15 साल तक लगातार निवेश करना होता है तो ऐसे में कई बार निवेशक के मन में सवाल आता है कि क्या इस स्कीम को बीच में बंद किया जा सकता है। हम आपको बताएंगे कि मैच्योरिटी से पहले स्कीम को बंद करवाया जा सकता है या नहीं।

पहले बंद करवा सकते हैं स्कीम

सुकन्या समृद्धि स्कीम के नियमों(Sukanya Samriddhi Yojana Rule) के अनुसार इस सुकन्या अकाउंट (Sukanya Account) को मैच्योरिटी से पहले बंद किया जा सकता है। यह स्कीम केवल कुछ विशेष स्थिति में ही बंद होती है।

  • अगर बच्चे के कानूनी अभिभावक या माता-पिता की मृत्यु हो जाती है तो स्कीम को बीच में बंद किया जा सकता है। इस स्कीम में 5 साल का लॉक-इन पीरियड है। ऐसे में 5 साल के बाद ही अकाउंट को क्लोज किया जा सकता है।
  • अगर बेटी को गंभीर बीमारी हो जाती है तो इस स्थति में अभिभावक बीमारी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स को जमा करवाकर अकाउंट को बंद कर सकते हैं। ये सुविधा भी 5 साल के बाद लागू होती है।
  • अगर बेटी या फिर अभिभावक ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है तो अकाउंट को क्लोज माना जाता है। इस स्थिति में निवेशक को केवल निवेश राशि ही मिलती है। उसे ब्याज का पैसा नहीं मिलता है। वहीं, अगर निवेशक केवल दूसरे देश में सेटल हुए हैं पर भारतीय नागरिकता है तो ऐसे में अकाउंट मैच्योरिटी तक जारी रहता है।
यह भी पढ़ें: Post Office की इस स्‍कीम में निवेश राशि हो जाती है डबल, मैच्‍योरिटी पर मिलता दोगुना पैसा

कब कर सकते हैं प्री-मैच्योर विड्रॉल

  • बेटी की 10वीं पास होने के बाद उसकी हायर स्‍टडीज के लिए पैसे की जरूरत तो आप मैच्योरिटी से पहले विड्रॉल कर सकते हैं। इसमें आप केवल 50 फीसदी राशि ही निकाल सकते हैं। इस निकासी के लिए आपको हायर स्‍टडीज से संबंधित प्रूफ जमा करना होगा।
  • अगर मैच्योरिटी से पहले बेटी की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में माता-पिता या अभिभावक को मैच्योरिटी से पहले पूरी राशि मिल जाती है। इसमें निवेश राशि के साथ ब्याज के पैसे भी मिलते हैं। इस स्थिति में अभिभावक को मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करना होता है।
  • अगर बेटी की शादी 18 साल में करते है तब आर सुकन्या अकाउंट से केवल 50 फीसदी की निकासी कर सते हैं। यह निकासी आप बेटी की शादी से एक महीने पहलेया फिर शादी के तीन महीने के बाद कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: Bank Holiday: Guru Nanak Jayanti पर इन शहरों में नहीं हैं बैंक की छुट्टी, चेक करें हॉलिडे लिस्ट