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मुकेश अंबानी खुद उठाते हैं जेड+ सिक्योरिटी का खर्च, जानें सुरक्षा पर प्रतिमाह कितने रुपये आता है बिल

मुकेश अंबानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है जिसमें अंबानी परिवार को सरकार से मिली जेड प्लस सिक्योरिटी हटाने की मांग की गई थी जिसे कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया है।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Sun, 31 Jul 2022 12:56 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jul 2022 12:56 PM (IST)
Photo Credit - Mukesh Ambani Security File Photo

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने बीते शुक्रवार को मुकेश अंबानी परिवार के खिलाफ दाखिल उस याजिका को खारिज कर दिया, जिसमें मुकेश अंबानी परिवार को सरकार की तरफ से मिली जेड + सिक्योरिटी को हटाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद अंबानी परिवारि को मिली सुरक्षा नहीं हटने का फैसला सुनाया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि मुकेश अंबानी के परिवार की सुरक्षा पर आने वाले खर्च को मुकेश अंबानी खुद उठाते हैं। इसके बाद कोर्ट ने मुकेश अंबानी और उनके परिवार देने का फरमाह सुना दिया।

अंबानी परिवार के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज 

देश के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी को जेड+ सुरक्षा प्रदान की गई है। लेकिन विकास साहा नाम के एक शख्स ने त्रिपुरा हाईकोर्ट में अंबानी की जेड+ सिक्योरिटी के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की बेंच ने इस जनहित याचिका को हाल ही में खारिज करते हुए केंद्र को सुरक्षा जारी रखने का आदेश दिया है।

अंबानी परिवार की जेड+ सिक्योरिटी पर प्रतिमाह आता है 20 लाख रुपये खर्च 

मुकेश अंबानी देश के उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्हें जेड+ सुरक्षा मिली हुई है। एक अनुमान के अनुसार अंबानी की जेड+ सुरक्षा पर प्रतिमाह 15 से 20 लाख का खर्च आता है। मुकेश अंबानी इस जेड+ सुरक्षा पूरा खर्च खुद उठाते हैं जबकि अधिकांश मामलों में यह खर्च सरकार को उठाना पड़ता है। अंबानी को जेड+ सुरक्षा 2013 में आंतकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से मिली धमकियों के बाद यूपीए सरकार ने मुहैया कराई थी।

कोर्ट ने सुरक्षा जारी रखने का दिया फैसला 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को खतरा है या नही यह केवल सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट से ही तय हो सकता है। बेंच ने कहा कि ने अंबानी देश के एक प्रमुख उद्योगपति है और उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इस पर अविश्वास का कोई कारण नजर नही आता। व्यक्ति अगर अपनी सुरक्षा का खर्च उठाने को तैयार है तो उसे सुरक्षा मिलनी ही चाहिए। कोर्ट ने अपने फैसले में हाल ही में अंबानी के घर के बाहर रखे गए बम और उन्हें मिल रही धमकियों का भी जिक्र किया।


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