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आईपीओ से पहले स्विगी की बड़ी तैयारी, जोमैटो को मिलेगी कड़ी टक्कर

स्विगी ने आखिरी बार 2022 में 10.7 अरब डालर के मूल्यांकन पर पैसा जुटाया था। कंपनी आईपीओ से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल जोमैटो से मुकाबले के लिए क्विक कामर्स इंस्टामार्ट कारोबार के विस्तार और ज्यादा वेयरहाउस खोलने पर कर सकती है। जोमैटो की शेयर मार्केट में लिस्टिंग 2021 में लिस्टिंग के बाद दोगुने से भी अधिक बढ़ गया है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 24 Aug 2024 07:57 PM (IST)
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स्विगी ने आखिरी बार 2022 में 10.7 अरब डालर के मूल्यांकन पर पैसा जुटाया था।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। दिग्गज फूड डिलिवरी प्लेटफार्म स्विगी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने से पहले अपना मूल्यांकन 15 अरब डॉलर के करीब पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी आईपीओ के जरिये बाजार से 8-10 हजार करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। यह 2024 के सबसे बड़े आईपीओ में से एक हो सकता है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि स्विगी के शेयरधारक अप्रैल में ही आईपीओ के जरिये करीब 10 हजार करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति दे चुके हैं। इस संबंध में प्रस्ताव को बाजार नियामकों से एक महीने में मंजूरी मिल सकती है। इसके बाद आइपीओ की मंजूरी के लिए सार्वजनिक दस्तावेज जमा किए जाएगा।

जोमैटो को टक्कर देने का इरादा

स्विगी ने आखिरी बार 2022 में 10.7 अरब डालर के मूल्यांकन पर पैसा जुटाया था। कंपनी आईपीओ से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल जोमैटो से मुकाबले के लिए क्विक कामर्स इंस्टामार्ट कारोबार के विस्तार और ज्यादा वेयरहाउस खोलने पर कर सकती है। जोमैटो की शेयर मार्केट में लिस्टिंग 2021 में लिस्टिंग के बाद दोगुने से भी अधिक बढ़ गया है। दीपिंदर गोयल के मालिकाना हक वाली कंपनी का मार्केट कैप फिलाहल करीब 28 अरब डॉलर के करीब है।

प्रतिष्ठित ब्रोकरेज गोल्डमैन सैक्स ने अप्रैल में एक रिपोर्ट में बताया कि देश के ऑनलाइन ग्रॉसरी मार्केट में इस समय 45 हिस्सा क्विक कॉमर्स सेगमेंट के पास है। इसकी साइज करीब 5 अरब डॉलर है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले कुछ साल में यह हिस्सेदारी बढ़कर 70 फीसदी तक हो सकती है।

यह फिलहाल सबसे तेजी से बढ़ता सेगमेंट है। यही वजह है कि जोमैटो और स्विगी जैसी फूड डिलिवरी कंपनियां भी इसी पर ज्यादा फोकस कर रही हैं। जोमैटो का कारोबार बढ़ाने में उसकी क्विक कामर्स यूनिट ब्लिंकिट का काफी अधिक योगदान है।

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