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18 जुलाई को NCD के माध्यम से धन जुटाने के प्रस्ताव पर विचार करेगा टाटा कम्युनिकेशंस बोर्ड

टाटा कम्युनिकेशंस का बोर्ड 18 जुलाई 2024 को गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के माध्यम से धन जुटाने के प्रस्ताव पर विचार करेगा। बता दें कि टाटा कम्युनिकेशंस ऋण प्रबंधन ढांचे के माध्यम से अपनी बैलेंस शीट स्थिरता का प्रबंधन करती है जिसका उद्देश्य वित्तीय स्थिरता लागत प्रभावी वित्तपोषण बनाए रखने और ऋण से जुड़े जोखिमों को कम करने के दीर्घकालिक लक्ष्य के साथ वित्तपोषण की आवश्यकता को संतुलित करना है।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Fri, 12 Jul 2024 06:28 PM (IST)
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टाटा कम्युनिकेशंस बोर्ड नए फ्रेमवर्क पर कर रहा है काम
पीटीआई, नई दिल्ली। टाटा कम्युनिकेशंस अपनी ऋण( debt) फ्रेमवर्क को कस्टमाइज करना चाहता है। कंपनी ने एक विनियामक फाइलिंग में घोषणा की कि उसका बोर्ड 18 जुलाई, 2024 को गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के माध्यम से धन जुटाने के प्रस्ताव पर विचार करेगा।

यह कदम टाटा कम्युनिकेशंस के स्थापित डेप्ट मैनेजमेंट फ्रेमवर्क के अनुरूप है। यह फ्रेमवर्क कंपनी की पुनर्वित्तपोषण गतिविधियों का मार्गदर्शन करता है, जिससे उन्हें  खास लक्ष्य को  पाने के लिए अपने  पोर्टफोलियो को रणनीतिक रूप से समायोजित करने की अनुमति मिलती है।

क्या है टाटा कम्युनिकेशंस का उद्देश्य

फ्रेमवर्क संतुलित ऋण परिपक्वता अनुसूची और ऋण साधनों के विविध मिश्रण को प्राथमिकता देता है। यह दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता और विभिन्न क्षेत्रों में ऋणदाताओं के व्यापक पूल तक पहुंच सुनिश्चित करता है।

टाटा कम्युनिकेशंस का लक्ष्य प्रतिस्पर्धी दरों पर ऋण वित्तपोषण सुरक्षित करना है। इसके फ्रेमवर्कऋण से जुड़े जोखिमों को कम करने का प्रयास करता है, जैसे ब्याज दर में उतार-चढ़ाव, मुद्रा अस्थिरता और पुनर्वित्तपोषण चुनौतियां। अपने ऋण को रणनीतिक रूप से संरचित करके, उनका लक्ष्य "प्राकृतिक बचाव" बनाना है जो उनके व्यवसाय के नकदी प्रवाह के साथ संरेखित हो।

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गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) क्या हैं?

एनसीडी ऋण साधन हैं जिन्हें कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए जारी करती हैं। परिवर्तनीय डिबेंचर के विपरीत, एनसीडी को कंपनी के इक्विटी शेयरों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।

आगामी बोर्ड बैठक यह निर्धारित करेगी कि टाटा कम्युनिकेशंस अपनी ऋण प्रबंधन रणनीति के हिस्से के रूप में एनसीडी जारी करने के साथ आगे बढ़ेगा या नहीं।

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