Tax Rules for Gold सोने में आप कई प्रकार से निवेश कर सकते हैं। इसके मुताबिक ही सरकार की ओर से बिक्री करने पर टैक्स लिया जाता है। आज हम अपने इस आर्टिकल में इन टैक्स नियमों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं कि गोल्ड ईटीएफ ज्वेलरी और SGB की बिक्री करने पर कितना टैक्स लगता है।
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sat, 29 Jul 2023 06:35 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय घरों में सोना निवेश का एक बहुत अच्छा जरिया माना जाता है। इस कारण हर भारतीय अपने निवेश का कुछ न कुछ हिस्सा सोने के रूप में जरूर रखता है। सोने की सबसे बड़ी खासियत है कि अन्य कीमती धातुओं की अपेक्षा इसकी बिक्री करना काफी आसान होता है।
आज के समय कई तरीकों से सोने में निवेश किया जा सकता है।1. पारंपरिक तरीका - इसमें आप सोने को फिजिकल तौर पर खरीदते हैं जैसे कि बार, गोल्ड, ज्वैलरी और कॉइन आदि।
2.नया तरीका - टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होने के कारण सोने में निवेश करने के कई नए-नए तरीके सामने आ गए हैं। इसमें गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड सेविंग फंड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आदि शामिल हैं।लेकिन काफी कम लोगों को ही इस बारे में जानकारी होती है कि गोल्ड की बिक्री पर कितना टैक्स चुकाना होता है।
फिजिकल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड सेविंग फंड्स यूनिट्स पर कितना लगता है टैक्स?
अगर कोई
गोल्ड कॉइन/बार और ज्वैलरी को 36 महीने या अधिक समय अपने पास रखने के बाद उसे बेचकर मुनाफा कमाता है तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा। वहीं, 31 मार्च, 2023 तक खरीदे गए गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड सेविंग फंड्स के यूनिट्स को 36 महीने या उससे अधिक समय तक रखने के बाद बेचने पर हुए लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा।
बता दें, बिक्री पर हुआ लाभ
इंडेक्सेशन अप्लाई करने के बाद भी कैलकुलेट किया जाएगा। इसके बाद जो मुनाफा निकलेगा, उस पर 20 प्रतिशत कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाएगा। अगर 36 महीने के अंदर ही गोल्ड की ब्रिकी कर दी जाती है तो उस पर हुए लाभ को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स माना जाएगा और आपके आयकर स्लैब के मुताबिक ही इस पर टैक्स लगेगा।
वहीं, अगर 31 मार्च, 2023 के बाद अपने गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड सेविंग फंड्स में निवेश किया है तो आपको होने वाले लाभ पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर टैक्स
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर सरकार की ओर से 2.50 प्रतिशत का सालाना ब्याज दिया जाता है और यह खाते में क्रेडिट किया जाता है। इस पर आपकी इनकम स्लैब के मुताबिक टैक्स लगता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के खरीदे जाने के 8 साल के बाद भुनाया जा सकता है। इसमें सरकार की ओर से जारी होने के 5 साल के बाद भुनाने का विकल्प भी दिया जाता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को भुनाने के बाद होने वाला लाभ टैक्स फ्री होता है और सरकार की ओर से इस पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जाता है।अगर कोई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बिक्री कर मुनाफा कमाता है तो उसके होल्डिंग पीरियड के मुताबिक, उसे लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स भरना होगा।