वर्क फ्रॉम होम खत्म होते ही TCS में इस्तीफों का दौर, महिला कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की तादात बढ़ी
Tata Consultancy Services वित्त वर्ष 2022-23 में टाटा ग्रुप की ओर से वर्क फ्रॉम होम खत्म कर दिया गया है। इस कारण कंपनी के महिला कर्मचारियों के इस्तीफों की संख्या में इजाफा देखने को मिला। (जागरण फाइल फोटो)
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sat, 10 Jun 2023 10:05 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश की सबसे बड़ी टेक कंपनी टीसीएस की ओर से कहा कि कंपनी में महिलाओं की नौकरी छोड़ने की दर ने पुरुषों से भी आगे निकल गई है। इसके पीछे का बड़ा कारण कंपनी द्वारा वर्क फ्रॉम होन को खत्म करना है।
कंपनी की चीफ एचआर मिलिंद लक्कड़ ने बताया कि कंपनी की कुल 6 लाख वर्कफोर्स में से करीब 35 प्रतिशत महिलाएं ही हैं। पहले के समय में महिलाओं की ओर से नौकरी छोड़ने की दर पुरुषों से कम या समान रही है।
महिलाओं के नौकरी छोड़ने की दर क्यों अधिक?
टीसीएस की वार्षिक रिपोर्ट में छपे एक इंटरव्यू में लक्कड़ की ओर से कहा गया कि मुझे लगता है महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम के कारण कुछ महिलाओं ने अपनी व्यवस्थाओं को बदला है, जो उन्हें सब कुछ सामान्य होने के बाद भी दोबारा से ऑफिस आने से रोक रहा है।कितनी रही टीसीएस में नौकरी छोड़ने की दर?
कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में लिंग के आधार पर नौकरी छोड़ने की दर को नहीं बताया है, लेकिन बीते वित्त वर्ष के मध्य में ये अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी, जो मार्च 2023 तक 20 प्रतिशत पर आ गई।लक्कड़ ने माना कि महिलाओं द्वारा नौकरी छोड़ने की दर में इजाफा होना टाटा ग्रुप के लिए सेटबैक है। कंपनी की कोशिश दोबारा से इस ट्रेंड को बदलने की होगी। कंपनी का पूरा ध्यान लैंगिग विविधता पर है।
आगे कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी द्वारा की गई नई भर्तियों में 38.1 प्रतिशत महिलाएं ही थी। महिलाओं के डेवलपमेंट के लिए कंपनी ने 'iExcel' प्रोग्राम लॉन्च किया है। इसके 22 संस्करण हो चुके हैं और 1450 महिला कर्मचारियों को इसका लाभ मिल चुका है।